मेडिकल स्टूडेंट्स के हित में सरकार का बड़ा फैसला, PM मोदी ने किया ये ऐलान
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मेडिकल स्टूडेंट्स के हित में सरकार का बड़ा फैसला, PM मोदी ने किया ये ऐलान

डॉक्टरी की पढ़ाई करने वालों के लिए केंद्र सरकार का यह फैसला काफी अहम है. अब गरीब और मध्यम वर्ग से आने वाले छात्र भी प्राइवेट कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे.

पीएमओ ने ट्वीट कर दी जानकारी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मेडिकल स्टूडेंट्स के हित में एक बहुत बड़ा फैसला लिया है. सरकार के मुताबिक अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया है.

  1. मेडिकल स्टूडेंट्स को बड़ी राहत
  2. प्राइवेट कॉलेजों में लगेगी कम फीस
  3. गरीब छात्रों को मिलेगा इसका फायदा

आधी सीटों पर लगेगी सरकारी फीस

पीएमओ की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा, 'हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी.' सरकार के इस फैसले का फायदा उन गरीब छात्रों को मिलेगा जो पैसे की के चलते मेडिकल की पढ़ाई करने से चूक जाते हैं.

ज्यादा फीस नहीं वसूल पाएंगे कॉलेज

आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार के फरवरी में दिए आदेश का लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे को मिलेगा जो डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं.

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने 3 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि देश के सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटों की फीस जिस प्रदेश में कॉलेज स्थित हैं, उस प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर होगी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज किसी भी तरह का अन्य शुल्क फीस के ऊपर नही वसूल पाएंगे.

इस आधार पर मिलेगा फायदा

इसके साथ ही बाकी की प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50 प्रतिशत सीटों में फीस पर NMC ने आदेश दिया था कि बची हुई 50 फीसदी सीटों की फीस को जिस राज्य में मेडिकल कॉलेज स्थित है उस राज्य की फीस रेगुलेटरी अथॉरिटी तय करेगी.

प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की जिन 50 फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर फीस का प्रावधान भारत सरकार ने किया था, उसमें वरीयता मेरिट के आधार पर मिलेगी यानी नीट परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर मिलेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में करोड़ो की फीस की वजह से जो छात्र यूक्रेन जैसे देशों में सस्ती फीस की वजह से जाते थे उनकी संख्या में कमी आएगी और ऐसे छात्र भारत के ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर पाएंगे.

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देश में MBBS की पढ़ाई काफी महंगी मानी जाती है और सरकार कॉलेजों में दाखिला न मिल पाने की स्थिति में कई छात्र प्राइवेट कॉलेज में मोटी फीस की वजह से एडमिशन नहीं ले पाते हैं. अब ऐसे गरीब छात्रों को सरकार के इस फैसले का फायदा मिलेगा और प्राइवेट कॉलेजों की भी आधी सीटों पर सरकार मेडिकल कॉलेज जितनी फीस ली जाएगी.  

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