कोरोना वायरस (coronavirus) महामारी के बीच पारले जी (Parle G) ने बिक्री के मामले में 80 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हुई. अब पारले जी कंपनी का नाम सोशल मीडिया पर एक बार फिर ट्रेंड कर रहा है, लेकिन इस बार कारण एकदम अलग है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बीच पारले जी ने बिक्री के मामले में 80 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हुई. अब पारले जी कंपनी का नाम सोशल मीडिया पर एक बार फिर ट्रेंड कर रहा है, लेकिन इस बार कारण एकदम अलग है. दरअसल, कंपनी ने फैसला किया है कि वह न्यूज चैनलों पर अपने प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं करेगी और यह कदम सोशल मीडिया यूजर्स को खूब पसंद आया. इसके बाद ट्विटर पर #ParleG ट्रेंड करने लगा.
प्रमुख विज्ञापनदाताओं और मीडिया एजेंसियों का कहना है कि वे इसपर बारीकी से नजर रख रहे हैं. इसके बार पारले जी ने यह फैसला किया है. पारले जी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी समाज में जहर घोलने वाले कंटेट को प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों पर विज्ञापन नहीं देगी.
पहले बजाज ने किया था विज्ञापन से इनकार
पारले जी से पहले बजाज कंपनी ने घोषणा की कि वह कथित रूप से 'जहरीली आक्रामक सामग्री' प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों पर विज्ञापन नहीं देगी. बता दें कि कुछ समाचार चैनलों द्वारा कथित तौर पर टीवी दर्शकों की संख्या यानी टीआरपी में छेड़छाड़ की रिपोर्ट आने के बाद यह फैसला किया गया है. इस मामले में जांच जारी है.
इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने दी जानकारी
इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने ट्विटर पर ParleG के इस फैसले की घोषणा की है और बताया है, "पारले प्रोडक्ट्स ने जहरीली आक्रामक सामग्री प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों पर विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है. ये चैनल उस प्रकार के नहीं हैं, जिस पर कंपनी पैसा खर्च करना चाहती, क्योंकि यह उसके लक्षित उपभोक्ता नहीं है. बजाज और पारले की अगुवाई में अन्य कंपनियों के जुड़ने का समय आ गया है."
Parle Products has decided not to advertise on news channels that broadcast toxic aggressive content.
These channels are not the kinds that the company wants to put money into as it does not favour its target consumer.
It's time more companies join the lead of Bajaj and Parle. pic.twitter.com/LNXr9ytmBF
— Indian Civil Liberties Union (@ICLU_Ind) October 11, 2020
पारले जी कंपनी के इस फैसले की सोशल मीडिया पर लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा, 'बहुत अच्छा. सम्मान. ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को इस रास्ते पर चलना चाहिए.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'यह सिर्फ शुरुआत हो सकती है, आशा है कि अधिक कंपनियां इसका पालन करेंगी और हमें एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.'
Great initiative more and more corporates should support
— himanshu sharma (@_himanshu_1712) October 12, 2020
G means GENIUS ... G means GREAT !
What #ParleG & #Bajaj have done would certainly set a sound example for many others to follow.
Let there be peace... Let there be love everywhere !
Thanks #ParleG thanks #Bajaj https://t.co/FyY3pvXRKd— Umar Farooque (@UMARFAR02040199) October 12, 2020
#ParleG
"You don't required to change anything if you're genius#ParleG proof that to"— Shabby dx (THAKUR ) (@shashank4440) October 12, 2020
#ParleG
Biscuits have best relationship with chai,poor , middle, high class— SUBHASH KUMAR (@subhash9534) October 12, 2020
G for genius
Post your pack of #ParleG !! pic.twitter.com/aGDNfBf62U— Ajit (@Ajityaadav) October 12, 2020
लॉकडाउन में पारले जी की रिकॉर्ड बिक्री
1938 से देश में बिक रहे पारले जी ने लॉकडाउन के दौरान बिक्री का नया कीर्तिमान स्थापित किया और 80 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिया. हालांकि पारले प्रोडक्ट्स कंपनी ने यह नहीं बताया था कि कुल कितनी बिक्री बढ़ी, लेकिन कहा कि कुल मार्केट शेयर में पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही कंपनी ने बताया था कि 80 से 90 फीसदी की ग्रोथ केवल पारले जी की बिक्री से आई.
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