UP Politics: सपा गठबंधन में कलह? राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य में चल रही जुबानी जंग
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UP Politics: सपा गठबंधन में कलह? राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य में चल रही जुबानी जंग

ओम प्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि सपा-गठबंधन में शामिल होकर सुभासपा जिस क्षेत्र से चुनाव लड़ी़, वहां गठबंधन को जीत मिली, जबकि मौर्य तो गठजोड़ को पूरा जिला ही हरा बैठे.

UP Politics: सपा गठबंधन में कलह? राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य में चल रही जुबानी जंग

SP Alliance: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्‍यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने समाजवादी सपा (SP) नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि सपा-गठबंधन में शामिल होकर सुभासपा जिस क्षेत्र से चुनाव लड़ी़, वहां गठबंधन को जीत मिली, जबकि मौर्य तो गठजोड़ को पूरा जिला ही हरा बैठे.

मौर्य हरा बैठे सभी सीटें

राजभर ने बस्ती और देवीपाटन के मण्डल कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में शिरकत से इतर बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य पर पलटवार करते हुए कहा, 'मौर्य हमें अपरिपक्‍व बता रहे हैं, मगर वो जहां से चुनाव लड़े वह जिला ही साफ हो गया. हम गाजीपुर से चुनाव लड़े तो पूरे जिले की सभी सीटें जीत ली. अब आप दोनों में तय कर लें कि परिपक्व कौन है और अपरिपक्व कौन.'

स्वामी को याद दिलाए वो दिन

राजभर ने कहा, 'जब मैं भाजपा के साथ था तो पूर्वांचल में वह बडे़ पैमाने पर चुनाव जीती. हमने उसका साथ छोड़ दिया तो विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के चार जिलों में उसका खाता तक नहीं खुल सका. इस तरह से हमने परिणाम दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य को एहसास होना चाहिए कि जब तक मैं सपा में नहीं गया था तब तक वो भी भाजपा छोड़ कर सपा में नहीं आए थे.’ 

स्वामी ने उड़ाया था राजभर का मजाक

गौरतलब है कि इस साल के शुरू में हुए उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Legislative Assembly Elections) से ऐन पहले भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने राजभर की अगुवाई वाली सुभासपा को 'विचार शून्य पार्टी' करार देते हुए मंगलवार को कहा था कि सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर 'हवा-हवाई' राजनीति करके खुद ही हंसी का पात्र बन रहे हैं.

राजभर की विचारधारा पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा था 'राजभर की कोई विचारधारा नहीं है और उनकी पार्टी विचार शून्य है. राजभर पिछले 20 वर्षों से राजनीति कर रहे थे लेकिन अपने दम पर एक भी विधायक नहीं जिता सके. उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी और चार सीटें जीती जबकि सपा के साथ गठजोड़ कर उसके छह विधायक चुनाव जीत गए.'

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