Monkeypox Virus Alert: मंकीपॉक्स की बीमारी कई देशों में अपने पैर पसार रही है, भले ही भारत में इसका कोई केस अबतक नहीं आया है, लेकिन केंद्र सरकार पूरी तरह अलर्ट है.
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Monkeypox Cases Confirmed in 11 Countries: दुनिया 11 देशों में मंकीपॉक्स के 80 मामले कंफर्म हो गए हैं 50 जांच के दायरे में है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपडेट किया है डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स का पहला मामला लंदन (London) में 5 मई को आया था जब एक ही परिवार के 3 लोगों के बीच यह संक्रमण देखा गया इसकी सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन को 13 मई को दी गई थी लेकिन अब यह बीमारी धीरे-धीरे 11 देशों में फैल चुकी है.
यूरोप के कई देशों बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पॉर्चुगल, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन में मंकीपौक्स वायरस फैल चुका है इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ाई है. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अभी इस बीमारी को महामारी घोषित नहीं किया है विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह संक्रमित बीमारी तो है लेकिन कोरोना वायरस से काफी अलग है और फिलहाल इसके बड़े स्तर पर फैलने के आसार कम है.
हालांकि कल डब्ल्यूएचओ में इस बीमारी को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई. मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर चूहे और गिलहरी जैसे जानवरों में पाया जाता है इसके ज्यादातर मामले अफ्रीकी देशों से रिपोर्ट होते हैं ऐसी जगह जहां बारिश होती है या घने जंगल ज्यादा होते हैं वहां मंकीपॉक्स के मामले कई बार देखने में आए हैं. मंकीबॉक्स का पहला केस 1970 में घाना में पाया गया था इस बार भी लंदन में जो केस रिपोर्ट हुआ है. ऐसा बताया जा रहा है कि वो व्यक्ति भी अफ्रीका से ही यात्रा करके आया था
हालांकि अभी भारत में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन केंद्र सरकार मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट पर है एयरपोर्ट पर अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा रही है जरूरत पड़ने पर इनके सैंपल लेकर पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में जांच के लिए भेजे जा सकते हैं.
मंकीपॉक्स वायरस किसी व्यक्ति में फैलने में 5 से 12 दिन लेता है यह बीमारी संक्रमित जानवर से तो फैल ही सकती है उसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की लार से या त्वचा में संपर्क में आने से जी दूसरे व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है आमतौर पर 20 दिन के अंदर यह बीमारी खुद ही ठीक हो जाती है कुछ मामलों में अस्पताल में इलाज करने की जरूरत पड़ती है स्मॉल पॉक्स की तरह ही मंकीपॉक्स के मरीज हो भी आइसोलेशन में रखने की जरूरत होती है ताकि उससे यह बीमारी दूसरे को न फैले.