Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे की मुश्किलों का अंत नहीं, 'जिंदगी भर शिवसेना में रहूंगा' कहने वाले दिग्गज ने दिया 'झटका'
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Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे की मुश्किलों का अंत नहीं, 'जिंदगी भर शिवसेना में रहूंगा' कहने वाले दिग्गज ने दिया 'झटका'

Maharashtra Politics Latest News: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद से उद्धव ठाकरे पार्टी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह उसमें भी नाकाम होते दिख रहे हैं. 

Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे की मुश्किलों का अंत नहीं, 'जिंदगी भर शिवसेना में रहूंगा' कहने वाले दिग्गज ने दिया 'झटका'

Uddhav Thackeray Eknath Shinde: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद से उद्धव ठाकरे पार्टी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह उसमें भी नाकाम होते दिख रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के उपनेता अर्जुन खोतकर ने दिल्ली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. 

  1. अर्जुन खोतकर ने की सीएम शिंदे से मुलाकात
  2. दिल्ली में हुई दोनों नेताओं की मुलाकात
  3. मीटिंग में बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे भी मौजूद थे

मुलाकात के बाद लगाए जा रहे कयास

जालना जिले में अर्जुन खोतकर का अच्छा प्रभाव माना जाता है. खोतकर की एकनाथ शिंदे से मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे भी मौजूद थे. इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अर्जुन खोतकर जल्द ही उद्धव ठाकरे को छोड़कर एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो सकते हैं. 

इस मुलाकात की चर्चा भी जोरों पर है, क्योंकि अर्जुन खोतकर ने दो दिन पहले ही कहा था कि मैं जिंदगी भर शिवसेना में रहूंगा. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी उपनेता की जिम्मेदारी खोतकर को सौंपी थी.लेकिन खोतकर सोमवार को सीधे दिल्ली पहुंचे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मुलाकात की.

माना जाता है कि एकनाथ शिंदे ने अर्जुन खोतकर और रावसाहेब दानवे के बीच समझौता करा दिया है. दोनों नेता जालना के रहने वाले हैं और 2019 में उनके बीच बड़ा विवाद छिड़ गया था. उस वक्त उद्धव ठाकरे ने दोनों नेताओं के बीच मध्यस्थता कर विवाद को सुलझाया था. लेकिन अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों और सांसदों की बगावत के बाद सवाल है कि अर्जुन खोतकर किसका समर्थन करेंगे. 

खोतकर के सामने सवाल खड़ा होता है कि अगर वो शिंदे का समर्थन करते हैं तो रावसाहेब दानवे के खिलाफ जो उनकी लड़ाई है उसका क्या होगा. ऐसा कहा जा रहा है कि शिंदे दोनों नेताओं को साथ लाने में सफल हो गए हैं. लेकिन आपको बता दें कि खोतकर बीते कुछ समय से प्रवर्तन निदेशालय के टारगेट पर हैं. ऐसी स्थिति में जांच से बचने के लिए वह उद्धव ठाकरे को छोड़कर शिंदे गुट में जाने का फैसला ले सकते हैं. 

हालांकि अभी तक खुद अर्जुन खोतकर की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन दिल्ली जाकर सीएम से मुलाकात से साफ संकेत मिलता है कि वह कुछ बड़ा सोच रहे हैं.

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