महादेव और माता लक्ष्मी की प्रिय कनेर के फूल के साथ इसके फल और पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं. आइए इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं.
कनेर के पत्तियां, फूल, टहनी सभी चीजों ओ औषधि के रूप में उपयोग किया जा सकता है. हम आपको इसके पत्तों के 5 फायदे बता रहे हैं.
दाद में कनेर के पत्तों को पीसकर नारियल के तेल के साथ लगाने से फायदा होगा. इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया को मारते हैं.
कनेर के पत्तों का लेप जोड़ो में लगाने से दर्द में आराम मिलता है. इसके लिए इसका एंटीइंफ्लेमेटरी गुण काम कर सूजन कम करते हैं.
कनेर के पत्तों का लेप एंटीसेप्टीक गुण के कारण घाव वाली त्वचा को भरने, नए त्वचा आने और घाव को पूरी तरह से ठीक होने में मदद करते हैं.
कनेर के पत्ते खुजली को कम करने वाले गुण होते हैं. कनेर के पत्तों को लौंग या पुदीने के तेल में पका लें और ठंडा कर खुजली वाली जगह में लगाएं.
कनेर इंफेक्शन से लड़ता है. कनेर के पत्तों को नारियल तेल में पका कर काली मिर्च के साथ कीड़े-मकौड़े के काटने वाली जगह में लगाने से आराम मिलता है.
आयुर्वेद में कनेर के फल, पत्तों के साथ तनों के भी कई उपयोग हैं. इसके लिए आप आयुर्वेद के जानकार की सहायता ले सकते हैं.
कनेर को लेकर यहां बताए गए फायदे और नुकसान सामान्य मान्यताओं पर आधारिक हैं. उपयोग से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें. Zee Media इसकी पष्टि नहीं करता.