नर्मदा का उद्गम स्थल

नर्मदा नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित और विंध्य की पहाड़ियों में बसे अमरकंटक में हैं.

उल्टी दिशा में बहती है नर्मदा

नर्मदा देश की दूसरी नदियों से विपरीत उल्टी दिशा में बहती है, जो इसकी सबसे बड़ी खूबी मानी जाती है.

तीसरी सबसे लंबी नदी

नर्मदा नदी गोदावरी और कृष्णा के बाद सबसे लंबी नदी है, जो तीन राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से बहती है.

कुल 1,312 लंबाई

नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1,312 है, एमपी में (1,077 किमी), महाराष्ट्र (74 किमी) और गुजरात (161 किमी) बहती हैं.

41 सहायक नदियां

नर्मदा की 41 सहायक नदियां हैं, जिसमें तवा, मान, दूधी, करजन जैसी बड़ी नदियां शामिल हैं.

रेवा भी है नाम

नर्मदाजी को पर्वतराज मैखल की पुत्री माना जाता है, जिसे इस नदी को रेवा के नाम से भी जाना जाता है.

चारों वेदों का रूप

भारत में नर्मदा नदीं को चारों वेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद और सामवेद का रूप माना जाता है.

किनारे पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे पर बसे हैं, यह खंडवा जिले में स्थित हैं.

नर्मदा जयंती

माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती का पर्व मनाया जाता है, इस दिन नर्मदाजी की विशेष पूजा होती है.

नर्मदा परिक्रमा

नर्मदा देश की एक मात्र ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है. भक्त हर साल नर्मदाजी की परिक्रमा करते हैं.

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