पढ़ने- लिखने वाले लोग किसी न किसी के विचारों को फॅालो करते हैं. बहुत से लोग स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं और उनके विचारों को फॅालो करते हैं. यहां पढ़ें विवेकानंद जी के विचार
संगति आप को ऊंचा उठा भी सकती है और यह आप की ऊंचाई से गिरा भी सकती है, इसलिए संगति अच्छे लोगों से करें.
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है, आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं है.
सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं.
युवा वही होता है, जिसके हाथों में शक्ति, पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं
बहुत सी कमियों के बाद भी हम खुद से प्रेम करते हैं, तो दूसरों में एक कमी से कैसे घृणा कर सकते हैं.
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा उस उम्मीद को खो देना जिसके भरोसे हम सब कुछ वापस पा सकते हैं.
पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर विरोध होता है, अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है.