रामायण काल से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. राम वन गमन से लेकर रावण मरण तक कई कहानियों का जिक्र होता रहा है. ऐसे ही हम आपको बताने जा रहे हैं उस कहानी के बारे में जब मां सीता ने फल्गु नदी को श्राप दिया था.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता दशरथ का श्राद्ध करने गया गये हुए थे.
गया में भगवान राम और लक्ष्मण श्राद्ध का सामान जुटाने गए थे लेकिन देर होने की वजह से माता सीता ने दशरथ का श्राद्ध कर दिया.
इस समय सीता माता ने फल्गु नदी की रेत से पिंड बनाया और पिंडदान कर दिया.
इस पिंडदान का साक्षी माता ने वहां मौजूद फाल्गु नदी, गाय, तुलसी, अक्षय वट और एक ब्राह्मण को बनाया.
जब भगवान राम और लक्ष्मण वापस आए और श्राद्ध के बारे में पूछा तो फल्गु नदी ने उनके गुस्से से बचने के लिए झूठ बोल दिया.
इस बात को सुनकर माता सीता ने गुस्से में आकर नदी को श्राप दिया और तब से ये नदी जमीन के नीचे बहती है.
इस नदी को भूसलिला भी कहते हैं. इस नदी की गणना भी श्रापित नदियों में की जाती है.
इस नदी के अलावा भारत में चंबल, कोसी, कर्मनाश नदियों की गणना भी श्रापित नदियों में होती है.