धसान नदी मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में शामिल है, जिसका महत्व बुंदेलखंड अंचल में धार्मिक भी माना जाता है.
धसान नदी को प्राचीनकाल में दशार्ण नदी के नाम से जाना जाता था. माना जाए तो दशार्ण का महत्व गंगा से कम नहीं है.
गंगा नर्मदा नदी पर पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, उसी तरह धसान नदी पर भी पूर्वजों का श्राद्ध करने की पौराणिक परंपरा है.
धसान नदी का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. मार्कंडेय, वायु पुराण आदि में इस नदी का उल्लेख मिलता है.
धसान नदी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल की जीवन रेखा मानी जाती है. धसान के पानी से किसान समृद्ध हैं.
धसान नदी का उद्गम स्थल एमपी के रायसेन जिले में हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के ललितपुर तक धसान नदी की सीमा रहती है.
धसान नदी की मध्य भारत की बेतवा नदी की सहायक नदी मानी जाती है, जो इससे दायें से आकार जोड़ती है.
धसान नदी का पुरातत्विक सर्वे भी हो चुका है. जहां पाषाण काल से लेकर मौर्य युग तक के पुरातत्व प्रमाण मिले हैं.
धसान नदी रायसेन जिले से निकलकर अलावा सागर, टीकमगढ़, ललितपुर, छतरपुर, झांसी जिलों में बहती हैं.
धसान नदी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल की जीवन रेखा मानी जाती है. यह सिंचाई का बड़ा साधन है.