QUAD से क्यों डर रहा चीन! जानिए भारत के लिए यह क्यों है गेमचेंजर?
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QUAD से क्यों डर रहा चीन! जानिए भारत के लिए यह क्यों है गेमचेंजर?

क्वाड (QUAD) संगठन मुख्य तौर पर हिंद प्रशांत महासागर (Indo Pacific Ocean) पर फोकस करता है. इसकी वजह ये है कि दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश इस क्षेत्र में आते हैं और करीब करीब दुनिया की आधी जनसंख्या इस क्षेत्र में निवास करती है.

QUAD से क्यों डर रहा चीन! जानिए भारत के लिए यह क्यों है गेमचेंजर?

नई दिल्ली: इन दिनों दुनियाभर में क्वाड (QUAD) की चर्चा है और वैश्विक मीडिया में इसे लेकर बातें हो रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्वाड  क्या है और भारत और दुनिया के लिए इसकी क्या अहमियत है? क्वाड  संगठन मुख्य तौर पर हिंद प्रशांत महासागर (Indo Pacific Ocean) पर फोकस करता है. इसकी वजह ये है कि दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश इस क्षेत्र में आते हैं और करीब करीब दुनिया की आधी जनसंख्या इस क्षेत्र में निवास करती है.

QUAD क्या है?
क्वाड चार देशों का एक अनौपचारिक फोरम है, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. क्वाड का उद्देश्य हिंद प्रशांत महासागर को सभी के लिए खुला और समावेशी बनाने का है ताकि इस क्षेत्र में जहाजों की खुली आवाजाही और व्यापार हो सके.पहली बार साल 2007 में इसकी चर्चा हुई थी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसका आइडिया दिया था. साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया ने इस संगठन से दूर रहने का ऐलान कर दिया था. माना गया कि चीन सरकार के दबाव में यह फैसला किया था लेकिन साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया भी क्वाड में शामिल हो गया था. साल 2017 में क्वाड की पहली आधिकारिक बैठक हुई थी. 

क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
क्वाड संगठन मुख्य तौर पर हिंद प्रशांत महासागर (Indo Pacific Ocean) पर फोकस करता है. इसकी वजह ये है कि दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश इस क्षेत्र में आते हैं और करीब करीब दुनिया की आधी जनसंख्या इस क्षेत्र में निवास करती है. साथ ही दुनिया का करीब 60 फीसदी व्यापार हिंद प्रशांत महासागर से होता है. इतना ही नहीं दुनिया के टॉप 10 सैन्य ताकतों में से 7 इस क्षेत्र में मौजूद हैं, इनमें से 6 देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं. ऐसे में सहज ही हिंद प्रशांत महासागर की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

कह सकते हैं कि हिंद प्रशांत महासागर पर जिस भी देश का प्रभाव होगा, वह दुनिया की सुपरपावर बन जाएगा. हाल के समय में देखा गया है कि चीन ने हिंद प्रशांत महासागर में अपना प्रभुत्व बढ़ाया है. पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा करता ही है, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में भी चीन अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. दुनिया के एक तिहाई व्यापारिक जहाज दक्षिण चीन सागर से गुजरते हैं, जिनसे कई ट्रिलियन डॉलर का सालाना व्यापार होता है. 

चीन ने दक्षिण सागर में कई कृत्रिम द्वीप बनाकर उन पर अपना सैन्य बेस बनाने की भी शुरुआत कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि चीन हिंद प्रशांत महासागर पर अपना दबदबा बनाकर यहां से पूरी दुनिया के ट्रेड को कंट्रोल और खुद को सैन्य तौर पर बेहद मजबूत बनाने की योजना बना रहा है. यही वजह है कि हिंद प्रशांत महासागर को किसी देश के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए क्वाड का गठन किया गया है.    

भारत के लिए क्या है क्वाड की अहमियत?
हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का दबदबा रहा है और इस क्षेत्र में भारत की नौसेना सबसे मजबूत मानी जाती है. ऐसे में हिंद प्रशांत महासागर में चीन को काउंटर करने के लिए भारत सहज ही सबसे अहम सदस्य बनकर उभरता है. यह माना जाता है कि क्वाड चीन को आर्थिक और सैन्य तौर पर काउंटर करने के लिए बनाया गया है. हालांकि भारत ने साफ किया है कि यह किसी देश के खिलाफ नहीं है. क्वाड देशों के बीच तकनीक, व्यापार, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ेगा. जिसका भारत को फायदा मिलने की उम्मीद है. जिस तरह से आजकल दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है और भू-राजनीति में आए दिन कुछ ना कुछ घट रहा है. ऐसे में भविष्य में भू-राजनीतिक स्थिरता और शांति के लिए क्वाड बेहद अहम साबित हो सकता है और भविष्य में इसमें विस्तार भी देखने को मिल सकता है. 

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