क्या है Digital Rupee? जानिए Blockchain और Blockchain Technology के बारे में सबकुछ
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क्या है Digital Rupee? जानिए Blockchain और Blockchain Technology के बारे में सबकुछ

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में डिजीटल करेंसी (Digital Currency) की बात की है. अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने आरबीआई की डिजिटल करेंसी पर बड़ा ऐलान किया है.

क्या है Digital Rupee? जानिए Blockchain और Blockchain Technology के बारे में सबकुछ

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में डिजीटल करेंसी (Digital Currency) की बात की है. अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने आरबीआई की डिजिटल करेंसी पर बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' को नए वित्त वर्ष (Financial Year 2022-2023) की शुरुआत में ही लॉन्च किया जाएगा. डिजिटल रुपी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी व अन्य टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए मार्केट में उतारा जाएगा. यह डिजिटल इकनॉमी को नया आयाम देगा. करेंसी मैनेजमेंट को ज्यादा इफीशिएंट और कम लागत वाला बनाएगा.

  1. Blockchain को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
  2. क्या डिजिटल रुपी को हैक या टैंपर किया जा सकता है?
  3. Blackchain Technology क्या है?
  4. Bitcoin और Blockchain में अंतर क्या है?

डिजिटल करेंसी को लेकर सरकार ने पहले भी रुख कर दिया साफ
हालांकि इस बात की अटकलें भी थीं कि मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्सेशन (Taxation on Cryptocurrency) को लेकर कोई घोषणा कर सकती है. बजट में इसका ऐलान भी किया गया. क्रिप्टोकरेंसी के उछाल के वक्त केंद्र सरकार ने कहा था देश की अपनी डिजिटल करेंसी होगी. भारतीय रिजर्व बैंक ऐलान कर चुका है कि वह अपनी डिजिटल करेंसी लेकर आएगा. 

क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency or CBDC) है. इसे रिजर्व बैंक जारी करता है और सरकार की मान्यता मिलती है. इससे केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है. डिजिटल करेंसी की खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (sovereign currency) में बदला जा सकता है. देश में इसे डिजिटल रुपया कहा जा सकता है. यह दो तरह की होती है, रिटेल और होलसेल. रिटेल डिजिटल करेंसी आम लोग और कंपनियों के लिए होती है, जबकि होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है. यह ब्लॉकचेन के जरिए काम करेगी.

Blockchain को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अब आप सोच रहे होंगे कि ये ब्लॉकचेन क्या है? इसके जवाब में क्षितिज पुरोहित बताते हैं कि यह दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) यानी की श्रृंखला. ब्लॉक का मतलब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे डेटा ब्लॉक से है. मतलब इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी यानी की डेटा रखा जाता है. अलग-अलग बॉक्स में करेंसी यानी डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं. डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है. जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है. एक बार जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो इसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है. इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़े रहते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी की पूरी ABCD
Part-1:Cryptocurrency से हैं कन्फ्यूज! आइए, इस 'सीक्रेट' करेंसी के बारे में जरा खुलकर जानते हैं...
Part-2: Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख, भारत में लीगल होगी या लगेगा बैन?
Part-3: क्या है Blockchain और Blockchain Technology? कैसे काम करती है और कितनी सिक्योर है?

डेटा क्या होता है?
हर एक ब्लॉक में डेटा, हैश और पिछले ब्लॉक का हैश होता है. अब ये तीनों चीजें क्या हैं. ये भी जान लीजिए. Bitcoin ब्लॉकचेन में जो डेटा रहता है उसमें ट्रांजैक्शन की डीटेल्स होती हैं. सेंडर, रीसिवर और अकाउंट जैसी जानकारियां इसमें दर्ज रहती हैं. इन Data Blocks में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी के जरिए डेटा को Encode किया जाता है और ये ब्लॉक एक-दूसरे जुड़कर लंबी चैन बनाते हैं. प्रत्येक Block में उसके पिछले Block का एक cryptographic hash, एक टाइमस्टैम्प और लेनदेने का डेटा होता है. हर एक ब्लॉक अपने अगले ब्लॉक से कनेक्टेड होता है. 

Hash क्या होता है?
हैश को आप बायोमेट्रिक की तरह समझ सकते हैं जो हर किसी के लिए युनीक होता है. यानी यह एक तरह का कोड होता है. यह आपके Thumb इम्प्रेशन की तरह युनीक होता है. अगर Block में किसी तरह का बदलाव हुआ तो ये हैश यानी कोड बदल देता है. सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से वर्चुअली कनेक्टेड होते हैं. ये एक तरह से ऐसा सिस्टम है जिसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं है. अगर आप एक ब्लॉक का डेटा बदलेंगे, दो फिर आपको दूसरे ब्लॉक का भी डेटा बदलना होगा.  

हैश खोजने के बाद क्या होता है?
जब कोई माइनर पुख्ता hash खोजकर ब्लॉक सिक्योर कर देता है तो उसे ब्लॉकचेन से जोड़ दिया जाता है और नेटवर्क में दूसरे नोड (Compuers) के जरिए उसे वेरिफाई किया जाता है. इस प्रक्रिया को आम सहमति (consensus) कहा जाता है. 

आम सहमति मिलने के बाद क्या होता है?
अगर consensus हो गया समझिए ब्लॉक के सिक्योर होने की पुष्टि हो गई. वह सही पाया जाता है तो उसे सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन (cryptocoin) दे दिए जाते हैं. यह एक रिवार्ड है जिसे काम का सबूत माना जाता है.

क्रिप्टो माइनिंग क्या होती है?
क्रिप्टोग्राफी के जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mininig) कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है. जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहा जाता है. 

क्या इसे हैक या टैंपर किया जा सकता है?
ब्लॉकचेन का इस्तेमाल सिर्फ Bitcoin जैसी करेंसी में ही नहीं, बल्कि कई और भी सेक्टर्स में हो सकता है और होता भी है. ये एक सिक्योर, सेफ और डीसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है जिसे हैक या टैंपर करना लगभग नामुमकिन है. लेकिन हैकर्स कुछ भी कर सकते हैं.

Blackchain Technology क्या है?
इसके जवाब में गौरव गर्ग कहते हैं कि यह एक तरह की एक्सचेंज प्रोसेस है. जोकि डेटा ब्लॉक पर चलती है. प्रत्येक ब्लॉक एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित होते हैं क्योंकि यह ब्लॉक एक दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं. यह बहुत पुरानी तकनीक है. इसका सबसे पहले 1991 में स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने अपनाया था. इसका तकनीक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को टाइमस्टैम्प करना था, ताकि इसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके. इसके बाद 2009 में सतोशी नाकामोतो ने ब्लॉकचेन का इस्तेमाल कर Bitcoin का आविष्कार करके दुनिया में क्रांति ला दी. 

Bitcoin और Blockchain में अंतर क्या है?
Blockchain Technology और Bitcoin दोनों में जमीन-आसमान का जैसा फर्क है. यानी दोनों पूरी तरह से अलग हैं. दरअसल, ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, एक प्लेटफॉर्म है जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर हैं. वहीं Bitcoin एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए कुछ चीजें बेंची और खरीदी जा सकती हैं. हालांकि इसे करेंसी कहना गलत हैं, क्योंकि इसकी असल दुनिया में कोई वैल्यू नहीं हैं. क्षितिज कहते हैं कि हालांकि, बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का सिर्फ एक उदाहरण है; अन्य क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क भी ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होते हैं.

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