नौतपा 2021: इस बार पड़ेगी भीषण गर्मी की मार, बारिश को लेकर ऐसा है संयोग
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नौतपा 2021: इस बार पड़ेगी भीषण गर्मी की मार, बारिश को लेकर ऐसा है संयोग

इस बार रोहिणी का वास समुद्र तट पर रहेगा जो उत्तम वर्षा के योग बना रहा है.  ​

नौतपा 2021

जबलपुर: इस बार रोहिणी में तीव्र गर्मी होने की संभावना है. नौतपा 2021 ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार गर्मी ज़्यादा होगी. मंगल का शनि से षड़ाष्टक योग बन रहा है और सूर्य से द्विद्वाशक योग पृथ्वी का तापमान बढ़ाकर गर्मी का प्रकोप बढ़ाएगा. मंगल मिथुन राशि में है. इससे अष्टम शनि मकर राशि में है. शनि से षष्ठम मंगल है. इसी तरह मिथुन के मंगल से वृषभ राशि का द्वादश सूर्य है. यह ग्रह योग गर्मी में वृद्धि करने वाला साबित होगा.                                                                                                                                          

उत्तम वृष्टि का संकेत
इस साल मेष संक्रांति के प्रवेश समय पर चंद्र नक्षत्र भरणी होने से रोहिणी का वास समुद्र तट पर है- तटे वृष्टि सुशोभना:
रोहिणी का वास समुद्र तट पर और समय का वास रजक के घर होगा.
यह स्थिति वर्षा ऋतु में उत्तम वृष्टि का संकेत दे रही है. इस बार 80 फीसद से अधिक बारिश होने के योग बन रहे हैं.

दोपहर में शुरू होगा नौतपा
 सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर 25 मई को दोपहर 1:04 बजे से प्रारंभ होगा. सूर्य लगभग प्रत्येक 15 दिनों में एक नक्षत्र का भोग कर लेता है लेकिन रोहिणी नक्षत्र में इसके भ्रमण को नौतपा कहा जाता है. क्योंकि इस नक्षत्र में जब सूर्य आता है तो पृथ्वी के ताप में वृद्धि होती है.

क्यों कहा जाता है नौतपा
सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 8 जून को प्रात: 8:49 बजे तक रहेगा. उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा. इस संपूर्ण भ्रमणकाल के प्रारंभिक नौ दिन अत्यधिक गर्मी वाले रहते हैं इसलिए इसे नौतपा कहा जाता है. नक्षत्र मेखला की गणना के अनुसार इस बार रोहिणी का वास समुद्र तट पर रहेगा जो उत्तम वर्षा के योग बना रहा है.                                                                                                                                                                              

नृसिंह भगवान का प्राकट्योत्सव आज
हर साल वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह भगवान का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है. इस बार प्राकट्योत्सव 25 मई को मनाया जाएगा.

क्यों मनाया जाता है प्राकट्योत्सव
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नृसिंह भगवान विष्णु जी के 12 अवतारों में से छठे अवतार हैं. वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधे नर और आधे सिंह का अवतार लिया था. इस दिन भगवान विष्णु के साथ शिव जी की पूजा करने से नृसिंह भगवान प्रसन्न होते हैं.                                                                                                                                                                          

प्राकट्योत्सव का क्या है महत्व
नृसिंह भगवान अपने भक्तों के हर संकट और भय से रक्षा करते हैं। इनकी विधिवत पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है, साथ ही शत्रुओं से छुटकारा प्राप्त होता है।

आज का शुभ मुहूर्त क्या है
वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी:  
आरंभ 25 मई को 12:30 बजे से
समाप्त 25 मई को रात 8:35 बजे से                                                                                     

अभिजीत काल:
सुबह 12:07 से दोपहर 1:13 बजे तक

अमृत काल:
रात 8:21 बजे से 9:46 बजे तक

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