अजीबोगरीब बीमारी ‘उनर टेन’ के 3 केस? चिम्पैंजी जैसी करते हैं हरकतें, आखिरी मामला टर्की में 2006 में मिला था
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अजीबोगरीब बीमारी ‘उनर टेन’ के 3 केस? चिम्पैंजी जैसी करते हैं हरकतें, आखिरी मामला टर्की में 2006 में मिला था

MP में एक ही परिवार के तीन लोगों में अजीबोगरीब लक्षण देखने को मिले हैं. ये 3 भाई बहन की उम्र 19 साल से 32 साल तक हैं, लेकिन उनका व्यवहार बच्चों जैसा है. वो पैरों पर नहीं बल्कि चिम्पैंजी की तरह चलते हैं. डॉक्टर का कहना है कि ये लक्षण ‘उनर टेन’ से ग्रस्त होने की आशंका जता रहे हैं. इस रेयर बीमारी का आखिरी केस टर्की में साल 2006 में दर्ज हुआ था. इस बीमारी को लेकर वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं.

अजीबोगरीब बीमारी ‘उनर टेन’ के 3 केस? चिम्पैंजी जैसी करते हैं हरकतें, आखिरी मामला टर्की में 2006 में मिला था

भोपाल: विदिशा में एक ही परिवार के तीन लोगों में अजीबोगरीब लक्षण देखने को मिले हैं. ये 3 भाई बहन की उम्र 19 साल से 32 साल तक हैं, लेकिन उनका व्यवहार बच्चों जैसा है. वो पैरों पर नहीं चलते बल्कि चिम्पैंजी की तरह चलने लगते हैं, तो कभी घुटनों के बल चलते हैं और जानवरों की ही तरह पेश आते हैं. इन लोगों का इलाज भोपाल के डॉक्टर जीशान हनीफ कर रहे हैं, जिन्हें आशंका है कि ये लक्षण एक रेयर बीमारी ‘उनर टेन’ सिंड्रोम के हैं. 

‘उनर टेन’ से ग्रस्त होने की आशंका 
डॉक्टर का कहना है कि ये लक्षण ‘उनर टेन’ से ग्रस्त होने की आशंका जता रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस रेयर बीमारी का आखिरी केस टर्की में मिला था. वो मामला साल 2006 में दर्ज हुआ था. तब भी एक ही परिवार के पांच सदस्यों में इसके लक्षण मिले थे. विदिशा के इन तीन लोगों का इलाज कर रहे डॉ. जीशान हनीफ का कहना है कि पता चला था कि पहली बार ‘उनर टेन’ के मामले साल 2005 में टर्की में ही मिले थे. इसमें मरीज हाथ-पैर के बल चलने लगता है और चिम्पैंजी जैसी हरकतें करता है. ये ऑटोसोमल रेसेशिव म्यूटेशन है. 

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ऐसे मामले टर्की और बगदाद में मिले थे
इस बीमारी को लेकर वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं. कुछ साइंटिस्ट का कहना है कि चूंकि इंसानों की उत्पत्ति ही जानवरों से हुई है, इसलिए कभी कभी वो आज भी चिम्पैंजी की तरह व्यवहार करने लगता है. ये कोई बीमारी नहीं है. एक और साइंटिस्ट का मत अलग है, वो इसे रेयर डिजीज मान रहे हैं.  इसी तरह डॉ. जीशान का मानना है कि ये गंभीर बीमारी है. एम्स भोपाल के पूर्व निदेशक डॉ. सरमन सिंह से जब इस केस पर बात की गई तो उनका कहना है कि ऐसे मामले टर्की और बगदाद में पहले मिले थे. वैज्ञानिक इसमें एकमत नहीं हैं. फिलहाल मरीजों की स्थिति देखकर उम्मीद है कि फिजियोथैरेपी, ट्रेनिंग और ट्रीटमेंट से ये चलने में सक्षम हो सकते हैं. डॉ ने कहा कि बहन सेलेब्रल पाल्सी से ग्रस्त है. स्वास्थ्य विभाग को मामले में एक्सपर्ट्स की टीम बनाकर स्टडी करना चाहिए. 

एक ही परिवार में मिले केस
पीड़ितों के नाम रफीक (32 साल), जुबैर (31 साल) और अमरीन (19 साल) हैं. ये मामला विदिशा जिले के मुहम्मदगढ़ गांव का है. इनके पिता गांव में ही मजदूरी करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है.  बताया जा रहा है कि रफीक उम्र 32 साल, जुबेर उम्र 31 इन दोनों भाइयों के बाद चार बच्चे ठीक हुए लेकिन सातवें नंबर पर हुई 16 साल की बेटी आमरीन शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग है. 

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