Sarthak App: मध्यप्रदेश के डॉक्टरों के लिए बड़ी खबर, सार्थक एप से जुड़ा अपडेट जारी
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Sarthak App: मध्यप्रदेश के डॉक्टरों के लिए बड़ी खबर, सार्थक एप से जुड़ा अपडेट जारी

स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों व कर्मचारियों की उपस्थिति सार्थक एप पर दर्ज कराने के लिए अब सख्ती शुरू कर दी है. वहीं डॉक्टर इसका पहले भी विरोध कर चुके हैं.

Sarthak App: मध्यप्रदेश के डॉक्टरों के लिए बड़ी खबर, सार्थक एप से जुड़ा अपडेट जारी

प्रिया पांडेय/भोपाल: मध्यप्रदेश में अब डॉक्टरों और कर्मचारियों की परेशानी बढ़ने वाली है. क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपस्थिति सार्थक एप पर दर्ज कराने के लिए सख्ती शुरू कर दी है. इसे लेकर स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन से ऐसे डॉक्टरों की रिपोर्ट पांच दिन में मांगी है. जिन्होंने अब तक सार्थक एप पर पंजीयन नहीं कराया.

बता दें कि ये व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि डॉक्टर्स के देर से आने और जल्दी अस्पताल से जाने को रोका जा सके. 

सार्थक एप की उपस्थिति ही होगी मान्य
दरअसल उपस्थिति के लिए जीपीएस आधारित बॉयोमैट्रिक उपस्थिति व्यवस्था है.  इसके लिए बांडेड डॉक्टरों के लिए पहले से निर्देश जारी हुए है. जिन्हें सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज करना ही होगी, वरना बांड अवधि पूरी होने पर प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. स्वास्थ्य संचालनालय की डॉक्टर्स को दो टूक कहा है कि सार्थक एप में उपस्थिति दर्ज कराने को अनिवार्य किया जाए. क्योंकि अब सार्थक एप के माध्यम से दर्ज उपस्थिति ही मान्य की जाएगी. हालांकि इस व्यवस्था का पहले से ही डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं.

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डॉक्टर्स ने बताया विरोध का कारण
बता दें कि डॉक्टर्स का कहना है कि वह 24 घंटे भी सेवाएं देते हैं. वह अपने तय समय पर ड्यूटी पर पहुंचते हैं.उनके काम करने के कोई घंटे निर्धारित नहीं होते हैं. जब अस्पताल में उनकी जरूरत होती है, वह पहुंच जाते हैं. सार्थक ऐप के माध्यम से उनके आने और जाने का टाइम निर्धारित होगा. यदि वह सुबह ड्यूटी पर पहुंचते हैं और ड्यूटी टाइम पूरा करने के बाद अगर वह चेकआउट कर जाते हैं और रात में कोई इमरजेंसी आती है तो क्या? वह अपनी ड्यूटी देने नहीं आएंगे. जब वह आवश्यक सेवा देने अस्पताल आएंगे. उस समय उनका चेक इन नहीं होगा.यह इस तरह की अवस्था है. 

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने मांग की कि इस ऐप को सरकार को तत्काल इसे बंद कर देना चाहिए. डाक्टरों का कहना है कि वो सभी 24 घंटे ड्यूटी देते हैं. जब जरूरत होती है. तब अस्पताल में मरीजों के लिए मौजूद होते हैं. दूसरी बात यह है कि यह नियम केवल स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर पर ही लागू किया जा रहा है.  यदि सरकार इतनी पारदर्शिता चाहती है, तो मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारी अधिकारियों के लिए यह व्यवस्था होनी चाहिए. ऑ

क्या है सार्थक एप
सार्थक मध्य प्रदेश सरकार के लिए एक मोबाइल-आधारित कर्मचारी प्रबंधन समाधान है. कर्मचारी की उपस्थिति, गतिविधि, दौरे, छुट्टियों, मेरी टीम, प्रोफ़ाइल को प्रबंधित करने के लिए यह बहुत ही अनुकूलित और स्मार्ट सुविधा का उपयोग करता है.

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