कश्मीर में पंडितों को बसाने की कोशिश जारी, जल्द नार्मल होंगे घाटी के हालात- बिट्टा
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कश्मीर में पंडितों को बसाने की कोशिश जारी, जल्द नार्मल होंगे घाटी के हालात- बिट्टा

कटनी पहुंचे एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि घाटी का माहौल ठीक होते-होते तीन चार साल लग जाएगा. कश्मीर में पंडितों को बसाने की कोशिश जारी है.

कश्मीर में पंडितों को बसाने की कोशिश जारी, जल्द नार्मल होंगे घाटी के हालात- बिट्टा

कटनी: एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा सतना में शहीद शंकर प्रसाद पटेल के परिजनों से मिलने के बाद कटनी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि घाटी के हालात 3-4 साल में सामान्य हो जाएंगे. बिट्टा ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि अब शहीद जवानों और उनके परिजनों का कद्र होने लगी है.

3-4 साल में घाटी के हालात सामन्य होंगे
कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को लेकर किये गए सवाल पर बिट्टा ने कहा कि कोशिश जारी है. पूरी सेफ़्टी और सुरक्षा व्यवस्था ठीक हो जाए अभी इस लेवल में लाने के लिए माहौल ठीक होते-होते तीन चार साल लग जाएगा. सब नार्मल हो जाएगा उसके बाद कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाएंगे.

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अब देश में हो रहा शहीद का सम्मान
मीडिया से बात करते हुए मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि पहले जवान शहीद होते थे तो कोई सत्तर हजार रुपए दे रहा है तो कोई  एक लाख रु देता था. ये उस शहीद की और इसके परिवार की तौहीन थी. मोदी सरकार ने एक अच्छा कानून बनाया है. देश में जवान शहीद होता है तो उसके परिजनों को एक करोड़ रुपए, मकान और नौकरी देकर उसका सम्मान किया जा रहा है ये बहुत अच्छी बात है.

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आतंकवाद की फंडिंग पर कही बड़ी बात
उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी और फॉरेन से आतंकवादियों को फंडिंग होती है. आतंकवादियों के पक्ष में खड़े बड़े-बड़े नामचीन वकीलों की फीस गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से दी जाती है. 

'मैं चलता फिरता बम हूं'
खुद को कड़ी सुरक्षा मिलने के सवाल पर बिट्टा ने कहा कि मैं चलता फिरता बम हूं, 40 किलो 45 किलो 50 किलो का आरडीएक्स. यह बोनस की जिंदगी है मेरे कारण किसी और की जिंदगी से खिलवाड़ ना हो मैं क्या मैं तो मर ही चुका हूं. मेरे लिए सबसे पहले देश है और देश की रक्षा में लगे हर एक सिपाही का मैं सम्मान करता हूं. देश के लिए जी रहा हूं मैं सब देश वाशियो को बोलता हूं कि देश हमारा भी है और आपका भी है. सबसे पहले देश के लिए सोचे.

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