Maharashtra Assembly Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति बड़ी जीत हासिल कर रही है. बीजेपी की इस जीत में मध्य प्रदेश के कुछ नेताओं का अहम योगदान रहा है.
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Maharashtra Vidhansabha Result: बीजेपी की चुनावी जीत का फॉर्मूला उसका मैनेजमेंट भी माना जाता है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में यह बात एक बार सटीक दिखी है. क्योंकि चुनाव किसी भी राज्य में हो बीजेपी अपने नेताओं को हर मोर्चे पर खड़ा कर देती है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों के बीच लंबी बॉर्डर हैं, दोनों राज्यों की राजनीति भी बहुत हद तक एक जैसी ही रही है. ऐसे में बीजेपी ने मध्य प्रदेश के कई नेताओं को महाराष्ट्र में चुनावी जिम्मेदारियां सौंपी थी, ये सभी नेता चुनावी मैनेजमैंट में माहिर माने जाते हैं. ऐसे में बीजेपी ने किसी को स्टार प्रचारक बनाया तो किसी को अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारियां सौंपकर फायदा उठाया.
नागपुर में एक्टिव रहे कैलाश विजयवर्गीय
मध्य प्रदेश से आने वाले बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा में चुनावी मैनेजमैंट में माहिर माना जाता है. ऐसे में पार्टी ने उन्हें नागपुर की जिम्मेदारी सौंपी थी. कैलाश विजयवर्गीय ने नागपुर में डेरा जमाकर लगातार बीजेपी और महायुति के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया. उन्होंने छोटी-छोटी संभाएं करके प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया, जबकि अलग-अलग लोगों और समाजिक संगठनों के साथ बैठक करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया. कैलाश विजयवर्गीय का मैनेजमैंट बीजेपी के काम आया. खास बात यह है कि उनके पास चुनावी अनुभव भी बड़ा रहा है. वह पश्चिम बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं, जबकि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं.
नरोत्तम मिश्रा का साइलैंट कमाल
मध्य प्रदेश में बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा चुनावी मैनेजमैंट में माहिर माने जाते हैं. महाराष्ट्र में चुनाव से पहले ही बीजेपी ने उन्हें यहां एक्टिव कर दिया था. नरोत्तम मिश्रा ने महाराष्ट्र के विदर्भ में लगातार प्रचार किया. जबकि उन्होंने बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया. नरोत्तम मिश्रा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. नरोतम मिश्रा ने अलग-अलग सीटों पर लगातार काम किया. नरोत्तम मिश्रा भी बीजेपी में अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. ऐसे में उन्हें महाराष्ट्र में भी चुनावी जिम्मेदारी मिली थी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया स्टार प्रचारक
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मराठा समुदाय से आते हैं और उनका महाराष्ट्र में प्रभाव माना जाता है. ऐसे में बीजेपी ने उन्हें महाराष्ट्र में स्टार प्रचारक बनाया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में लगातार बीजेपी के पक्ष में प्रचार किया. खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मराठी बोलते हैं, ऐसे में उन्होंने मराठवाड़ा इलाके में मराठी में ही प्रचार किया, जबकि उन्होंने बीजेपी के साथ-साथ एनसीपी और शिवसेना के प्रत्याशियों के पक्ष में भी प्रचार किया. ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, ऐसे में उन्होंने बीजेपी की तरफ से काम करने का प्रचार भी लगातार महाराष्ट्र में किया.
विश्वास सारंग को भी मिली थी जिम्मेदारी
मोहन सरकार में मंत्री विश्वास सारंग को भी बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अलग-अलग विधानसभा सीटों का प्रभारी बनाया था. विश्वास सारंग ने 1 महीने से भी ज्यादा समय तक महाराष्ट्र में लगातार कैंपेनिंग की थी. उन्होंने प्रत्याशियों के साथ-साथ अलग सीटों पर चुनावी रणनीति बनाई, जिसका असर महाराष्ट्र के चुनावों में दिखा है.
एमपी के नेताओं का विदर्भ पर फोकस
इन नेताओं के अलावा सीएम मोहन यादव, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ-साथ कई विधायक और सांसदों ने लगातार प्रचार किया था. मध्य प्रदेश में बीजेपी के ज्यादातर नेताओं को महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके की जिम्मेदारी दी गई थी. क्योंकि यह इलाका मध्य प्रदेश से सटा हुआ है. जहां बीजेपी के नेताओं को सियासी समझ में भी आती है. राजनीतिक जानकारों का भी यही कहना है कि बीजेपी चुनावी राज्य में नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपती है. जिसका असर दिखता है. महाराष्ट्र में एक तरह से बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई है. बीजेपी ने 2014, 2019 के बाद 2024 में भी सबसे बड़ी बनी है.
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