डांस करते, चलते चलते क्यों हो रही लोगों की मौत? कोरोना वैक्सीन को लेकर उठे सवाल
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डांस करते, चलते चलते क्यों हो रही लोगों की मौत? कोरोना वैक्सीन को लेकर उठे सवाल

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फाइजर बायोएनटेक या फिर मॉडर्ना की वैक्सीन लेने वाले लोगों में दिल में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.

डांस करते, चलते चलते क्यों हो रही लोगों की मौत? कोरोना वैक्सीन को लेकर उठे सवाल

नई दिल्लीः हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें चलते-चलते, डांस करते हुए या फिर बैठे हुए लोगों की अचानक मौत हो गई. डॉक्टरों का कहना है कि ये कार्डियक अरेस्ट के मामले हैं. सोशल मीडिया पर भी ऐसे मामलों की खूब चर्चा हो रही है और ट्विटर पर तो 'हार्ट अटैक' भी ट्रेंड करने लगा था. कार्डियक अरेस्ट में लोगों के दिल का आकार, मांसपेशियों का आकार बढ़ जाता है. या फिर नसों में ब्लॉकेज और दिल के खून को पंप करना बंद कर देने से हार्ट अटैक आता है.   

कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवाल
हार्ट अटैक के मामले बढ़ने के बाद ऐसी चर्चाएं उठी कि कोरोना वैक्सीन के चलते हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक के मामले बढ़ने का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला है. हालांकि कोरोना वैक्सीन के बाद कुछ लोगों में हार्ट में संक्रमण के मामले देखे गए हैं लेकिन वह दवाई से ठीक हो रहा है. 

हेल्थलाइन वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फाइजर बायोएनटेक या फिर मॉडर्ना की वैक्सीन लेने वाले लोगों में दिल में संक्रमण के मामले बढ़े हैं. जिससे पता चलता है कि हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है. हालांकि अभी इस रिपोर्ट को वैज्ञानिकों ने रिव्यू नहीं किया है. इसलिए इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल हैं. 

कोरोना संक्रमित लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने के मामले सामने आए हैं. यही थक्के फेफड़ों, हार्ट, पैरों की नसों और दिमाग में बन सकते हैं, जो मौत का कारण बन सकते हैं. हालांकि अभी इसे लेकर और रिसर्च करने की जरूरत है और यह अभी तक पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कोरोना वैक्सीन या हार्ट अटैक के मामलों का सीधा कनेक्शन है. 

इन लक्षणों को ना करें इग्नोर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि पेट में मरोड़ होना, पेट के ऊपरी हिस्से में ब्लोटिंग, भारीपन महसूस होना, छाती में दबाव, गले में कुछ फंसा हुआ महसूस होना, शरीर के काम करने की क्षमता में अचानक बदलाव जैसे लक्षण दिखें तो इन्हें इग्नोर ना करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह से काम करें.  

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