MP News: इंदौर नहीं, सीएम चाहते हैं मध्य प्रदेश की ये सिटी बने देश का सबसे स्वच्छ शहर
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MP News: इंदौर नहीं, सीएम चाहते हैं मध्य प्रदेश की ये सिटी बने देश का सबसे स्वच्छ शहर

Madhya Pradesh News: भोपाल गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने भोपालवासियों को बधाई दी. सीएम ने अगले साल 1 जून से भोपाल में सरकारी अवकाश की घोषणा की है.

 

MP News: इंदौर नहीं, सीएम चाहते हैं मध्य प्रदेश की ये सिटी बने देश का सबसे स्वच्छ शहर

आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने गुरुवार को भोपाल गौरव दिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि, हमने हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति किया. इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर किया. भोपाल हिंदुस्तान की राजधानी में सबसे स्वच्छतम राजधानी. उन्होंने भोपाल वासियों से अपील की है कि स्वच्छता में इंदौर को पछाड़ नंबर वन बनाएं. 

भोपाल में नशे के कारोबार पर सीएम की नजर
भोपाल गौरव दिवस पर सीएम शिवराज ने भोपाल सिटी को नशामुक्त बनाने के लिए कहा कि, भोपाल में नशे और अपराधों का कारोबार नहीं चल पाएगा. इससे बचकर रहे. ऐसे कारोबार करने वालों को जड़ से उखाड़ देंगे. इसके अलावा सीएम ने राजधानी के लिए कई बड़ी घोषणा की है. भोपाल में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा. एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की घोषणा. सड़क के साथ हवाई मार्ग का उपयोग होगा. केबल कार और रोप वे शुरू किया जाएगा साथ ही भोपाल में इंटरनेशनल स्टेडियम भी बनाया जाएगा.

1 जून को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान
भोपालवासियों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि, भोपाल के गौरव दिवस के अवसर पर हमने तय किया है कि 1 जून को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। यहाँ विशाल कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। हवाई मार्ग का उपयोग भी परिवहन के लिए हो, इसके लिए रोप वे की व्यवस्था की जाएगी.

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भोपाल पूरी तरह कब आजाद हुआ था
1 जून 1949 को भोपाल का भारत में विलीनीकरण हुआ था. आप ये सोच रहे होंगे की जब देश 1947 में आजाद हुआ तो भोपाल को आजादी 1949 में कैसे मिली. दरअसल, भारत के आजाद होने के समय भोपाल में नवाब हमीदुल्ला खां का शासन था और भोपाल रियासत की जिम्मेदारी वही संभालते थे. 

आजादी के बाद हमीदुल्ला खां इसे स्वतंत्र रियासत के लिए दलील देने लगे और उस समय हैदराबाद के निजाम उन्हें भोपाल को पाकिस्तान में विलय के लिए प्रेरित कर रहे थे. लेकिन यह भौगोलिक दृष्टि से असंभव था. इसके बाद इसे भारत में विलय करने के लिए आंदोलन चलाया गया. नवाबी शासक ने इसे दबाने के लिए भरसक प्रयास किए लेकिन वो इसे दबा पाने में असमर्थ रहे. शासक ने आंदोलन कारियों पर गोलियां चलवाई जिसमें कई युवाओं की जान गई लेकिन इसके बाद 1 जून 1949 को भोपाल पूरी तरह स्वतंत्र हुआ.

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