MBBS छात्रों को सीखनी होगी छत्तीसगढ़ी, अब सिर दर्द नहीं, कहना होगा मुड़ी पिराना
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MBBS छात्रों को सीखनी होगी छत्तीसगढ़ी, अब सिर दर्द नहीं, कहना होगा मुड़ी पिराना

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को स्थानीय बोलियों व भाषाओं की जानकारी छात्रों व डॉक्टर्स को देने के निर्देश दिए हैं. 

फाइल फोटो

रायपुर: छत्तीसगढ़ से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है. प्रदेश में एमबीबीएस करने वाले छात्रों को अब छत्तीसगढ़ी बोली भी सिखाई जाएगी. खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ी बोली सिर्फ राज्य के छात्रों को ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से यहां एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए आने वाले छात्रों को भी सिखाई जाएगी. 

दरअसल, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को स्थानीय बोलियों व भाषाओं की जानकारी छात्रों व डॉक्टर्स को देने के निर्देश दिए हैं. एमबीबीएस में 15% ऑल इंडिया कोटा व 3% सेंट्रल पूल कोटा होता है. देखा गया है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों से आने वाले छात्रों को छत्तीसगढ़ी की जानकारी नहीं होती. जिसके मद्देनजर राज्य में पढ़ने आने वाले एमबीबीएस छात्रों के लिए यह फैसला लिया गया है. 

जानिए किस बीमारी में अब क्या कहेंगे डॉक्टर

नाभि के नीचे दर्द : कोथा पिराना
घुटनों में दर्द: माड़ी पिराना
सिर दर्द : मुड़ या मुड़ी पिराना
दिल में दर्द : छाती पिराना
गैंगरीन : पांव व हाथ सड़ना
नाक से खून निकलना: नाक फूटना
कमर दर्द : कनिहा पिराना
गले में दर्द : घेंच पिराना
पैर में चोट : गोड़ में घाव
उंगलियों में दर्द : अंगरी पिराना

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