आयुष्मान भवः इलाज के बीच आया PM का आदेश, बौखलाए डॉक्टर ने मरीज को भेजा सरकारी अस्पताल, मौत
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आयुष्मान भवः इलाज के बीच आया PM का आदेश, बौखलाए डॉक्टर ने मरीज को भेजा सरकारी अस्पताल, मौत

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदेश जारी किए. जिनका पालन करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आयुष्मान कार्ड धारकों के मुफ्त इलाज के निर्देश दिए

पीड़ित ने डॉक्टरों पर हत्या का आरोप लगाया

शैलेंद्र शर्मा/नरसिंहपुरः कोरोना महामारी के इस दौर में आपदा को अवसर बनाने वालों की कमी नहीं है. अब तक इंजेक्शन, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और बेड जैसे तमाम उपकरणों की कालाबाजारी तो सामने आ ही रही थी. वहीं अब मध्य प्रदेश से जानकारी मिली कि यहां निजी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से इलाज में भेदभाव किया जा रहा है. यहां तक कि एक परिवार ने दो डॉक्टरों पर मरीज की हत्या का आरोप भी लगा दिया. 

शुरुआती इलाज के लिए 17 हजार जमा कराए
मामला नरसिंहपुर जिले के पराडकर हॉस्पिटल से सामने आया, जहां डॉ पराग पराडकर व डॉ प्रांजल पराडकर ने 16 मई को दो मरीजों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत भर्ती किया. मरीजों की जांच कराने पर उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई. इलाज शुरू किया गया और मरीज के पुत्रों रामकेश प्रजापति व भरत प्रजापति से प्रारंभिक चिकित्सा के नाम पर 17 हजार रुपए जमा करा लिए. 

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पीएम के एक आदेश से बदला रवैया
दोनों कोरोना मरीजों का इलाज ठीक तरीके से हो रहा था, लेकिन इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदेश जारी किए. जिनका पालन करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आयुष्मान कार्ड धारकों के मुफ्त इलाज के निर्देश दिए. निर्देश के अगले दिन ही मरीज के परिजनों ने आयुष्मान कार्ड की जानकारी हॉस्पिटल प्रबंधन को दे दी. मरीजों के ऐसा करते ही दोनों डॉक्टर नाराज हो गए. परिजनों ने आरोप लगाए कि डॉक्टरों ने इसके बाद से ही इलाज में लापरवाही करना शुरू कर दी. 

सरकारी अस्पताल में हो गई मौत
आयुष्मान कार्ड के तहत मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाना था, लेकिन परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उन्हें ऑक्सीजन लाने के लिए परेशान किया गया, जिसका इंतजाम वे नहीं कर पाए. जिससे उनके पिता की हालत बिगड़ी, हॉस्पिटल प्रबंधन की सलाह पर मरीज को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया. 

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मां का इलाज भी जारी
पिता की मौत के बाद दोनों बेटों ने CMHO से इस बात की शिकायत कर दी. CMHO ने हॉस्पिटल को नोटिस भी जारी किया,  लेकिन इस दौरान उनकी मां का इलाज भी उसी हॉस्पिटल में जारी है. वह भी आयुष्मान कार्ड धारक है. उन्हें डर है कि इस शिकायत पर कहीं उनके इलाज में भी लापरवाही न की जाए. 

जिला कलेक्टर में दर्ज कराई शिकायत
अंत में हारकर परिवार ने जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई कि दोनों पराडकर बंधुओं पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है. वहीं हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया. 

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