सीएम बघेल ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जून 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी. इससे उत्पादक राज्यों को राजस्व की भारी हानि होगी.
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रजनी ठाकुर/रायपुरः जीएसटी (Goods and Services Tax) को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार आमने-सामने आ गई हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने जून 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति को बंद करने का फैसला किया है. जिसका छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल विरोध कर रहे हैं. यही वजह है कि सीएम बघेल ने 17 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से साझा आग्रह करने की अपील की है.
क्या बोले सीएम बघेल
सीएम बघेल ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जून 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी. इससे उत्पादक राज्यों को राजस्व की भारी हानि होगी. हमने केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी रखने या वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का आग्रह किया था. मैंने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति 10 वर्षों तक जारी रखने का साझा आग्रह किया जाए.
क्या है जीएसटी क्षतिपूर्ति का विवाद
बता दें कि 1 जुलाई 2017 से केंद्र सरकार ने देशभर में जीएसटी लागू किया था. जीएसटी में केंद्रीय और राज्य के अप्रत्यक्ष करों का एक ही कर में विलय कर दिया गया था. चूंकि जीएसटी में किसी उत्पाद के उपभोग पर कर लगाया जाता है न कि विनिर्माण पर. इस स्थिति में विनिर्माता राज्यों के राजस्व को नुकसान ना हो, इसके लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू की गई.
जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत केंद्र सरकार ने 5 साल की अवधि तक राज्यों के राजस्व में किसी भी कमी की पूर्ति के लिए क्षतिपूर्ति देने का फैसला किया. 5 साल की यह अवधि जून 2022 में खत्म होने जा रही है. हालांकि कोरोना महामारी और कुछ अन्य कारणों से कुछ राज्य मांग कर रहे हैं कि जीएसटी क्षतिपूर्ति को जून 2022 के बाद भी बढ़ाया जाए. छत्तीसगढ़ सरकार ने तो इसे 10 साल तक बढ़ाने की मांग कर दी है.
इन राज्यों को लिखा सीएम बघेल ने पत्र
सीएम बघेल ने जिन राज्यों के सीएम को पत्र लिखा है उनमें ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली शामिल है.