CG Assembly by-Election Results 2024- रायपुर दक्षिण सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी ने बड़ी जीत दर्ज की है. सुनील सोनी ने कांग्रेस प्रत्याशी को 46 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. जीत के बाद जहां बीजेपी में जश्न का माहौल है वहीं कांग्रेस के खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है. चलिए जानते हैं कांग्रेस की हार के पांच बड़े कारण
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Chhattisgarh Vidhan Sabha Chunav 2024 Parinam-बीजेपी ने रायपुर दक्षिण उपचुनाव में बड़ी जीत दर्ज की है. बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी ने कांग्रेस के आकाश शर्मा को बड़े अंतर से हराया है. सुनील सोनी को कुल 89,220 वोट मिले वहीं कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा को 43, 053 वोट मिले हैं. इसके अलावा पोस्टल बैलेट से बीजेपी को 161 और कांग्रेस को 76 वोट मिले.
बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी पहले राउंड से ही आगे रहे और जीत दर्ज की. गौरतलब है कि बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल इस सीट से विधायक थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने ये सीट छोड़ दी थी.
युवा चेहरे पर लगाया दांव
कांग्रेस की हार का पहला बड़ा कारण युवा चेहरे पर दांव था, कांग्रेस ने कई बड़े नेताओं पर भरोसा न जताते हुए युवा आकाश शर्मा को टिकट दिया. आकाश शर्मा एक युवा और नया चेहरे थे, उनको टिकट मिलने से पार्टी में नाराजगी की स्थिति बन गई. कई बड़े नेताओं को छोड़कर आकाश को टिकट दिया गया था.
आपसी गुटबाजी
बात करें तो कांग्रेस का गुटबाजी से पुराना नाता रहा है. कांग्रेस में किसी अन्य दल से ज्यादा आपसी गुटबाजी की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं. इसक चलते कांग्रेस को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ा है. उपचुनाव में भी कांग्रेस में आपसी गुटबाजी का हार कारण बन गई है.
मुस्लिम बाहुल्य है सीट
छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधान सभा सीट मुस्लिम बाहुल्य है. कांग्रेस के बड़े नेता ऐजाज ढेबर को किनारा करना उपचुनाव में भारी पड़ गया. माना जा रहा है कि कांग्रेस का ऐजाज ढेबर से किनारा करन से इस क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. इससे सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा पहु्ंचा और बीजेपी ने जीत दर्ज की.
युवा चेहरे के सामने विरासत
कांग्रेस की हार चौथा कारण है इस सीट पर बीजेपी का दबदबा, इस सीट पर बीजेपी के सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल का दबदबा रहा है. वो लगातार इस सीट से चुनाव जीतते रहे हैं. ऐसे में आकाश शर्मा जैसे युवा चेहरे को उनके किले में सेंध लगाने का मौका नहीं मिल पाया. जिसके कारण कांग्रेस को हार का स्वाद चखना पड़ा.
कमजोर प्रदर्शन
उपचुनाव में कांग्रेस बड़े मुद्दों को जनता के बीच लेकर नहीं पहुंच पाई. प्रदेश की बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस सरकार को घेरने में और जनमत को साधने में नाकाम रही. कांग्रेस ने लॉ एंड ऑर्डर समेत दूसरे मुद्दे उठाए, लेकिन इन मुद्दों से भी बात नहीं बन पाई.