मध्य प्रदेश: भोपाल की इस बच्ची के पेट से निकली चार किलो की 'हेयरबॉल'
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मध्य प्रदेश: भोपाल की इस बच्ची के पेट से निकली चार किलो की 'हेयरबॉल'

शहर के हमीदिया अस्पताल में एक बच्ची को उसको परिजन पेट दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों से मिले.

बच्ची एक दुर्लभ रैपुंजल सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रस्त है. (प्रतीकात्मक फोटो)

भोपाल: शहर के हमीदिया अस्पताल में एक बच्ची को उसको परिजन पेट दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों से मिले. परिजनों ने डॉक्टर्स को बताया कि उनकी बच्ची काफी समय से कम खाना खाती है और उसके पेट में भी दर्द रहता है. वहीं जब डॉक्टरों ने बच्ची का सीटी स्कैन किया तो, डॉक्टर हैरत में पड़ गए. सीटी स्कैन में डॉक्टरों को बच्ची के पेट में एक बड़ा सा 'हेयरबॉल' नजर आया. ये 'हेयरबॉल' करीब चार किलो वजनी और तीन फीट लंबी थी. डॉक्टरों ने तत्काल ही बच्ची का ऑपरेशन कर 'हेयरबॉल' को निकाल दिया.

  1. चार किलो वजनी और तीन फीट लंबी थी 'हेयरबॉल'

    बच्ची के सीटी स्कैन को देख हैरत में पड़ गए डॉक्टर

    रोगी को पड़ जाती है बार-बार बाल खाने की आदत

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एक दुर्लभ बीमारी है रैपुंजल सिंड्रोम
बच्ची का ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम ने बताया कि बच्ची एक दुर्लभ रैपुंजल सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रस्त है. इस बीमारी में रोगी को बाल खाने की आदत पड़ जाती है. टीम ने बताया कि सीटी स्कैन में पता चला कि बच्ची की आंत में 'हेयरबॉल' फंसी हुई थी. ये 'हेयरबॉल' करीब चार किलो वजनी और तीन फीट लंबी थी. उन्होंने बताया कि इस दुर्लभ बीमारी के दुनियाभर में केवल 6 केस ही मिले हैं. ऐसे मामलों में रोगी को बार-बार बाल खाने की आदत पड़ जाती है. डॉक्टरों की टीम ने परिजनों को बच्ची को मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी है. मानसिक रोग विशेषज्ञ बच्ची की काउंसलिंग कर उसे बाल खाने की आदत से निजात दिलाने में सहायता करेगा.

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पहले नहीं दिया ध्यान
बच्ची के परिजनों ने बताया कि बच्ची को कुछ दिन पहले पेट दर्द की परेशानी हुई थी. बच्ची के सिर के बाल भी कम होते जा रहे थे. साथ ही बच्ची को लगातार उल्टियां भी आती थीं. परिजनों ने बताया कि घर में बच्ची का पेट देखने पर उसके पेट के ऊपरी हिस्से में कुछ फूला हुआ सा नजर आया. परिजनों ने डॉक्टरों से संपर्क किया तो, पता चला कि बच्ची को रेपुंजल सिंड्रोम नाम की बीमारी है. इस बीमारी के कारण ही उसके खानपान पर असर पड़ा था. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले भी बच्ची का इलाज कराया गया था. उस समय बच्ची छोटी थी तो, इस बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाया. परिजनों ने सोचा कि बच्ची ने भूलवश बाल खाए होंगे. उस समय जांच के बाद ऑपरेशन कर करीब एक किलो बालों का गुच्छा निकाला गया था.

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