मध्यप्रदेशः चुनाव से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, यह दल कांग्रेस में हुआ शामिल
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मध्यप्रदेशः चुनाव से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, यह दल कांग्रेस में हुआ शामिल

Madhya Pradesh Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हिंदूवादी संगठन बजरंग सेना का मंगलवार को कांग्रेस में विलय हो गया. बजरंग सेना ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनता के जनादेश को धोखा देकर राज्य की सत्ता में आई है और अपने रास्ते से भटक गई है.

मध्यप्रदेशः चुनाव से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, यह दल कांग्रेस में हुआ शामिल

Madhya Pradesh Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हिंदूवादी संगठन बजरंग सेना का मंगलवार को कांग्रेस में विलय हो गया. बजरंग सेना ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनता के जनादेश को धोखा देकर राज्य की सत्ता में आई है और अपने रास्ते से भटक गई है. बजरंग सेना (बीएस) के नेता पूर्व मंत्री दीपक जोशी के करीबी हैं. जोशी ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी.

यह विलय कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में हुआ. विलय की घोषणा बीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनीश पटेरिया और समन्वयक रघुनंदन शर्मा ने की. जोशी भी इस अवसर पर उपस्थित थे. बजरंग सेना के सदस्यों ने कमलनाथ को गदा व स्मृति चिह् भेंट किया और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए.

कमलनाथ ने इस विलय का स्वागत करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खोखली घोषणाएं कर रहे हैं क्योंकि चुनाव निकट आ रहे हैं. उन्होंने दावा किया, 'चौहान ने अब तक 20,000 से अधिक घोषणाएं की हैं जो अभी तक लागू नहीं हुईं. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, चौहान को अब महिलाओं, युवाओं और कर्मचारियों की याद आ रही है.'

उन्होंने कहा कि लोगों ने इस बार भाजपा के शासन को समाप्त करने का फैसला किया है, जो 'खरीद-फरोख्त से सत्ता में आई थी.’’ वह जाहिरा तौर पर मार्च 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने का जिक्र कर रहे थे.

पटेरिया ने दावा किया कि बड़ी संख्या में कांग्रेस में शामिल होने वाले कार्यकर्ता भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे, जो 'लोगों के जनादेश को धोखा देकर सत्ता में आई थी'. बजरंग सेना की स्थापना 2013 में छतरपुर में हुई थी. यह धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन करती है.

कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 114 सीट पर जीत हासिल की थी. भाजपा 109 सीट जीतकर दूसरे नंबर पर रही थी. कांग्रेस ने उस समय सरकार बनाई थी, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से उसकी सरकार गिर गई और भाजपा की सरकार बनी.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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