पद्म विभूषण से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का कल (मंगलवार) रात दिल का दौरा पड़ने के बाद यहां एक अस्पताल में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
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नई दिल्ली: सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने लोकप्रिय ठुमरी गायिका गिरिजा देवी के निधन पर शोक जताते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है. पद्म विभूषण से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का कल (मंगलवार) रात दिल का दौरा पड़ने के बाद यहां एक अस्पताल में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार में उनकी एक बेटी है.
मुझे बहुत दुख हुआ- लता मंगेशकर
लता ने ट्वीट किया है, ‘‘महान शास्त्रीय और ठुमरी गायिका गिरिजा देवी जी हमारे बीच नहीं रहीं, यह सुन कर मुझे बहुत दुख हुआ. हमारे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे.’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘गिरिजा देवी एक बहुत अच्छी महिला थीं. मैं उनको श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.’’ ठुमरी की मलिका कहलाने वाली गिरिजा देवी को प्रेम से अप्पाजी बुलाया जाता था.
Mahan shastriya aur thumri gayika Girija Devi ji hamare bich nahi rahi ye sunke mujhe bahut dukh hua.Hamare unke bahut acche sambandh the. pic.twitter.com/QhrLH5mW2q
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) October 24, 2017
Girija Devi ji ek bahut acchi mahila thi. Main unko shraddhanjali arpan karti hun. ishwar unki aatma ko shanti pradan kare .
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) October 24, 2017
अपनी ‘‘बड़ी दीदी’’ को खो दिया- अमजद अली खान
बनारस घराने की गायिका को वर्ष 1972 में पद्मश्री सम्मान मिला था. वर्ष 1989 में उन्हें पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उनका जन्म आठ मई 1929 को बनारस के निकट एक गांव में जमींदार परिवार में हुआ था. वहीं, सरोद कलाकार अमजद अली खान ने ठुमरी की मलिका गिरिजा देवी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ‘‘बड़ी दीदी’’ को खो दिया है. अमजद अली खान ने कहा कि गिरिजा देवी उन्हें राखी बांधती थीं.
खान ने बताया, ‘‘संगीत की दुनिया विशेषकर गायकी की ठुमरी शैली के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है. वह अपने जीवनकाल में एक संस्थान बन गयी थीं.’’ उन्होंने कहा कि गिरिजा देवी उन्हें राखी बांधती थीं. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई मौकों पर एक साथ प्रस्तुति दी है. खान ने बताया, ‘‘हमने लंदन स्थित नवरस रिकार्ड्स के लिए सरोद-गायकी की जुगलबंदी रिकार्ड की है.’’ उन्होंने बताया कि वह गिरिजा देवी को ‘बड़ी दीदी’ कहते थे. उन्होंने कहा कि ‘बड़ी दीदी’ के कई शिष्य हैं जो उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगे.
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(इनपुट भाषा से भी)