बताया जा रहा है कि गांव वालों का मानना है कि वह महिला एचआईवी की बीमारी से ग्रस्त थी.
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धारवाड़: कर्नाटक के धारवाड़ जिले में शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर मोराब गांव में करीब एक हफ्ते पहले एक महिला ने कथित तौर पर झील में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद गांव वालों ने उस झील के पानी को खाली करना शुरू कर दिया है. गांव वाले झील को सुखाने में जुट गए हैं. हालांकि, इस बात की जानकारी मिलते ही वहां अधिकारियों ने पहुंच कर गांव वालों को समझाने की कोशिश भी की. लेकिन, इसके बावजूद गांव वालों ने झील को खाली करने का मन बना लिया है.
बताया जा रहा है कि गांव वालों का मानना है कि वह महिला एचआईवी की बीमारी से ग्रस्त थी. गांव वालों का कहना है कि इससे उस झील का पानी भी संक्रमित हो गया है. मोराब गांव की यह झील गांव वालों के लिए पीने के पानी का एकमात्र जरिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 29 नवंबर को एक महिला का शव झील में तैरता पाया गया था. गांव वालों के अनुसार, महिला के शरीर का काफी हिस्सा मछलियों ने खा लिया था. गांव वालों ने समझा कि झील का पानी इस वजह से संक्रमित हो गया होगा. इसके बाद लोगों ने झील को खाली करना शुरू कर दिया. बीते चार दिनों में बड़े-बड़े पाइप के जरिये गांव वालों ने झील के आधे से अधिक पानी बाहर निकाल दिया है.
हुबली-धारवाड़ नगर पालिका के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभू बिरादार ने बताया कि गांव वालों की यह सोच पूरी तरह से अवैज्ञानिक है. एचआईवी पानी के जरिये नहीं फैलता है. गांव वालों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है.