India-US Commercial Dialogue: भारत-अमेरिका के बीच होगा बड़ा समझौता, चीन की कमर तोड़ने के लिए बना ये प्लान
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India-US Commercial Dialogue: भारत-अमेरिका के बीच होगा बड़ा समझौता, चीन की कमर तोड़ने के लिए बना ये प्लान

India-US Trade IPEF: भारत और अमेरिका के बीच अहम बैठक हुई है. चीन की चुनौती के बीच दोनों देशों के व्यापक व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए इस चर्चा को बेहद अहम माना जा रहा है.

India-US Commercial Dialogue: भारत-अमेरिका के बीच होगा बड़ा समझौता, चीन की कमर तोड़ने के लिए बना ये प्लान

Nirmala Sitharaman Jaishankar met Gina Raimondo: अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो (Gina Raimondo) ने भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित भारत सरकार के शीर्ष नेताओं के साथ अपनी बैठकों में भारत प्रशांत क्षेत्र समेत साझा हितों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की है. वाणिज्य विभाग के अनुसार, रायमोंडो ने डोभाल के साथ अपनी बैठक में अमेरिका भारत के वाणिज्यिक संबंधों तथा 'दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों को गहरा करने के अवसरों' पर गहराई से चर्चा हुई है.

इंडिया-यूएस कमर्शियल डायलॉग

जीना ‘इंडिया-यूएस कमर्शियल डायलॉग’ में हिस्सा लेने के लिए भारत आई हैं. वाणिज्य विभाग के अनुसार, 'उन्होंने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर 'अमेरिका भारत पहल' की उद्घाटन बैठक के महत्व पर सहमति व्यक्त की है.' इसके अलावा रायमोंडो ने आगामी 'अमेरिका भारत सीईओ फोरम' और 'अमेरिका भारत वाणिज्यिक संवाद' बैठक के बारे में भी बात की. यह कई क्षेत्रों में दोनों सरकारों और व्यापारिक समुदायों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगी.

अमेरिका भारत संबंधों और आगे के आर्थिक सहयोग पर चर्चा 

बैठक के दौरान उन्होंने भारतीय नेताओं के साथ समृद्धि के लिए 'भारत प्रशांत आर्थिक ढांचा' (IPEF) के अवसरों पर चर्चा की. रायमोंडो ने कहा कि यह 'क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को मजबूत करने के साथ साथ व्यक्तिगत एंव सामूहिक आर्थिक प्रतिस्पर्धा' को बढ़ाएगा.

रायमोंडो ने जयशंकर के साथ अपनी बैठक में, अमेरिका भारत संबंधों और आगे के आर्थिक सहयोग पर चर्चा की.

उन्होंने बाइडेन प्रशासन और विभाग के लिए अमेरिका भारत द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को रेखांकित किया. इसमें 'अमेरिका भारत सीईओ फोरम' (CEO फोरम) और 'अमेरिका भारत वाणिज्यिक संवाद' (India-US Commercial Dialogue) के जरिये चल रहे सहयोग और निकट वाणिज्यिक संबंधों की संभावना शामिल है.

सेमीकंडक्टर के जरिये भारत बनेगा सुपरपावर, बर्बाद हो जायेगा चीन

सेमिकंडक्टर का मार्केट दुनियाभर में करीब 500 अरब डॉलर का है और इसमें अपना दबदबा कायम करने के लिए अमेरिका-चीन आमने-सामने हैं. अमेरिका का कहना है कि China इस तकनीक का इस्तेमाल अपने लिए करता है, तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा. चीन के इस खतरे से निपटने के लिए अब भारत और अमेरिका सेमीकंडक्टर यानी चिप निर्माण पर भी एक दूसरे की मदद करके चीन का गुरूर तोड़ सकते हैं. दरअसल अपनी सप्लाई चेन को सुरक्षित करने के लिए अमेरिका भारत और यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना चाहता है. इसी सिलसिले में नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए आपसी सहयोग पर चर्चा की बातें कही जा रही हैं.

(इनपुट:भाषा)

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