भारतीय मूल की वैज्ञानिक गीता रामजी बनीं कोरोना का शिकार
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भारतीय मूल की वैज्ञानिक गीता रामजी बनीं कोरोना का शिकार

भारतीय मूल की विश्वविख्यात वायरोलॉजिस्ट गीता रामजी की कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मौत हो गई है. गीता दक्षिण अफ्रीका में रहती थीं और कुछ दिन पहले ही लंदन से वापस आई थीं.

गीता रामजी (फाइल फोटो)

जोहान्सबर्ग: भारतीय मूल की विश्वविख्यात वायरोलॉजिस्ट गीता रामजी की कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मौत हो गई है. गीता दक्षिण अफ्रीका में रहती थीं और कुछ दिन पहले ही लंदन से वापस आई थीं. गीता की मौत के साथ ही दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. स्टेलर वैक्सीन वैज्ञानिक और एचआईवी रोकथाम अनुसंधान की प्रमुख गीता एक सप्ताह पहले ही लंदन से लौटी थीं और तब उनमें COVID-19 के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए थे.

  1. कुछ ही पहले ही लंदन से लौटी थीं गीता
  2. 2018 में मिला था उत्कृष्ट महिला वैज्ञानिक पुरस्कार
  3. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से मरने वालों की संख्या पांच हुई
  4.  

64 वर्षीय गीता रामजी, डर्बन में दक्षिण अफ्रीकी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (SAMRC) की एचआईवी रोकथाम अनुसंधान इकाई की क्लिनिकल ट्रायल यूनिट की प्रधान अन्वेषक और इकाई निदेशक के रूप में सेवाएं दे रहीं थीं. SAMRC के अध्यक्ष और सीईओ ग्लेंडा ग्रे ने एक बयान जारी करके गीता रामजी के निधन पर दुःख जताया है. उन्होंने यह भी कहा है कि गीता की मौत COVID-19 सम्बंधित जटिलताओं के चलते हुई है. 

गीता रामजी को 2018 में तब पहचान मिली थी, जब उन्हें यूरोपियन डेवलपमेंट क्लिनिकल ट्रायल्स पार्टनरशिप (EDCTP) द्वारा उत्कृष्ट महिला वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया था. यह सम्मान उन्हें एचआईवी की रोकथाम के नए तरीकों को खोजने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए मिला था. उस मौके पर ख़ुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि ‘यह पुरस्कार वैश्विक समुदाय द्वारा हमेशा के लिए एचआईवी एड्स महामारी की दिशा बदलने के उनके अडिग दृढ़ संकल्प के लिए है.’

गीता को ‘उत्कृष्ट महिला वैज्ञानिक पुरस्कार’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए SAMRC के अध्यक्ष और सीईओ ग्लेंडा ग्रे ने कहा था कि प्रोफेसर गीता रामजी एक बेहतरीन एचआईवी रोकथाम अनुसंधान लीडर हैं, जो एचआईवी/एड्स महामारी पर अंकुश लगाने की दिशा में लगातार योगदान देती आ रही हैं. गीता का विवाह भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी फार्मासिस्ट प्रवीण रामजी से हुआ था. गीता के अंतिम संस्कार की घोषणा अभी तक नहीं हुई है. दरअसल, दक्षिण अफ्रीका में अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की संख्या को बेहद सीमित किया गया है और इसके लिए परमिट की आवश्यकता होती है, क्योंकि पिछले सप्ताह राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा द्वारा देश में 21 दिनों की तालाबंदी की घोषणा गई थी.

घर-घर जाकर हो रही जांच 
लॉकडाउन के तीसरे दिन यानी रविवार से लेकर अब तक दक्षिण अफ्रीका में COVID-19 से पांच लोगों की मौत हो गई है. देश में कोरोना के अब तक 13,50 से अधिक मामले सामने आए हैं. मंगलवार को सरकार ने बताया था कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की COVID-19 जांच के लिए 10 हजार टीमें  डोर-टू-डोर जा रही हैं. वहीं, लोगों द्वारा लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लेने पर राष्ट्रपति ने नाराज़गी भी जताई है. सिरिल रामाफोसा ने जनता से पुन: अपील की है कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार का साथ दें और लॉकडाउन का पालन करें.

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