Monsoon: गर्मी को बोलिये टाटा-बाय-बाय, आ गया मानसून, जानें कब आपके शहर में होगी झमाझम बारिश?
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Monsoon: गर्मी को बोलिये टाटा-बाय-बाय, आ गया मानसून, जानें कब आपके शहर में होगी झमाझम बारिश?

India weather updates: बीते कुछ दिनों से लोगों को चिलचिलाती गर्मी और धूल भरी आंधी का सामना करना पड़ रहा है. राहत भरी खबर है कि अब मानसून केरल में दस्तक देने ही वाला है.

Monsoon: गर्मी को बोलिये टाटा-बाय-बाय, आ गया मानसून, जानें कब आपके शहर में होगी झमाझम बारिश?

IMD Latest Monsoon Update: तपती गर्मी की मार झेल रहे लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को कहा कि अगले 48 घंटों में केरल में मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं क्योंकि चक्रवात 'बिपरजॉय' तेजी से एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है.

आईएमडी ने पूर्वानुमान में कहा कि केरल में मानसून की शुरुआत से जुड़ी नए मौसम संबंधी अपडेट से पता चलता है कि दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं की निरंतरता है. मध्य क्षोभमंडल स्तर तक पछुआ हवाओं की गहराई में वृद्धि और दक्षिण पूर्व को कवर करने वाले क्षेत्रों में बादलों की वृद्धि ने संकेत दे दिया है कि केरल में मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है.

आईएमडी ने बुधवार को कहा, "ऐसी स्थिति में, अगले 48 घंटों के दौरान केरल में मॉनसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं." आईएमडी ने यह भी कहा कि अगले 2-3 दिनों में दिल्ली-एनसीआर में पारा बढ़ेगा.

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में तापमान बढ़ने की संभावना है. 8-11 जून तक यूपी के कुछ हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. दिल्ली में आसमान साफ रहेगा और अगले 2-3 दिनों में 2- 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ेगा. 10 या 11 जून तक दिल्ली-एनसीआर का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है.

आईएमडी के अनुसार सितंबर में समाप्त होने वाले चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान भारत के अधिकांश हिस्सों में जून में बारिश सामान्य से कम रहने की उम्मीद है. 50 वर्ष के औसत 87 सेमी के 96-104 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है. जबकि दीर्घावधि औसत के 90 प्रतिशत से कम वर्षा को कम माना जाता है. वहीं 90-95 फीसदी के बीच बारिश सामान्य से कम जबकि 105-110 फीसदी के बीच बारिश सामान्य से ज्यादा और 100 फीसदी से ज्यादा बारिश अतिवर्षा है.

दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में मानसून की देरी से शुरुआत से महत्वपूर्ण खरीफ फसलों, विशेषकर धान की बुवाई में देरी हो सकती है.

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