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Election Commission on EVM: चुनाव आयोग ने 2023 में होने वाले चुनावों को लेकर आज बुधवार को बड़ा ऐलान किया है. आयोग ने तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग ने EVM पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. चुनाव आयोग ने कहा कि यह मुद्दा कोर्ट में कई बार उठ चुका है. EVM को लेकर उठाए गए सवाल बेबुनियाद हैं. EVM में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. EVM ने हर पार्टी को जिताया है.
EVM अगर बोल सकती..
EVM पर सवाल उठाने वालों को CEC राजीव कुमार ने करावा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह विषय सेटल्ड है और इसको बार-बार उठाने की जरुरत नहीं है. इस EVM ने हर पार्टी को जीत दिलाई है. EVM अगर बोल सकती तो कुछ इस तरह से अपनी बात रखती..... जिसने मेरे सिर पर तोहमत रखी है, मैंने उसके भी घर की लाज रखी है.
रिमोट वोटिंग मशीन पर चर्चा
वहीं, रिमोट वोटिंग मशीन पर चर्चा करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि 30 करोड़ लोग वोट नहीं दे रहे हैं. इसके पीछे अलग-अलग कारण हैं. युवाओं की उदासीनता, शहरी उदासीनता, घरेलू प्रवास - बहुसंख्यकों का राज्य के भीतर पलायन इसके बड़े कारण हो सकते हैं. इस विषय पर बैठक सफल रही. पूरे दिन इसपर चर्चा होती रही. आयोग ने कहा कि 30 करोड़ मिसिंग वोटर्स चर्चा में आ गए हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम सभी एक साथ काम कर सकते हैं, ये काम प्रगति पर है.
विपक्ष का रवैया हमेशा की तरह
इससे पहले अधिकांश विपक्षी दलों ने प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट वोटिंग मशीन शुरू करने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने वोटिंग मशीनों की सुरक्षा से लेकर अभियान चलाने में आने वाली चुनौतियों तक कई सवाल खड़े किए हैं. इस विचार का विरोध करने वालों में मुख्य विपक्षी कांग्रेस भी है. विपक्षी दलों ने ऐसे ही ईवीएम को लेकर भी कई बार सवाल खड़े किए हैं. कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि पहले ईवीएम से जुड़े मुद्दों का निपटारा होना चाहिए, उसके बाद आरवीएम पर चर्चा करनी चाहिए.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)