Anil Vij on Hijab row: हिजाब विवाद पर SC के फैसले से पहले अनिल विज ने हिजाब मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पुरुष अपना मन मजबूत करें और इसी के साथ ही महिलाओं को हिजाब से मुक्ति दे देनी चाहिए.
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Hijab Row Supreme Court: हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय अलग-अलग है. आपको बता दें कि जस्टिस धूलिया और जस्टिस हेमंत गुप्ता दोनों की राय इस मामले पर बटी हुई है. कई दौर की सुनवाई के बाद आज जब फैसले की घड़ी आई तब जस्टिस धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला खारिज कर दिया. जबकि जस्टिस गुप्ता उस फैसले से इत्तेफाक रखते थे. इसलिए अब हिजाब मामले को सीजेआई (CJI) को रेफर कर दिया है.
कर्नाटक से शुरू हुआ ये विवाद कई मोड़ लेते हुए पहले हाईकोर्ट और आखिर में देश की सबसे बड़ी अदालत पहुंचा. देशभर के नेताओं की हिजाब मामले पर प्रतिक्रिया आ रही है. ऐसे में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) की कैबिनेट के मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने हिजाब को लेकर बड़ा बयान दिया है.
महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें: विज
सुप्रीम कोर्ट का अपडेट आने से पहले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट करते हुए हिजाब मामले पर लिखा, 'जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया. आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई. उनको सिर से लेकर पांव तक ढ़ाक दिया. यह सरासर नाइंसाफी है. पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें.'
जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया । आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक डाक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है । पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) October 13, 2022
बेंच ने सुरक्षित रखा था फैसला
इससे पहले जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच में 10 दिनों तक हिजाब विवाद पर जोरदार बहस चली. जिरह के दौरान मुस्लिम पक्ष ने जहां एक ओर हिजाब की तुलना पगड़ी और क्रॉस से की, तो जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस पर तीखी टिप्पणी की थी. आपको बता दें कि दस दिन तक चली सुनवाई के बाद 22 सितंबर को पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज जजों की राय अलग-अलग होने पर मामले को सीजेआई के पास भेज दिया गया है.
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