पाकिस्तान को बचाने वाली 'पश्चिमी मीडिया वैक्सीन', एंकर PAK प्रवक्ता की तरह कर रही थीं बात
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पाकिस्तान को बचाने वाली 'पश्चिमी मीडिया वैक्सीन', एंकर PAK प्रवक्ता की तरह कर रही थीं बात

बीबीसी (BBC) की एंकर पूरी तरह से पाकिस्तान (Pakistan) के प्रवक्ता की तरह बात कर रही थीं और उसी के प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ा रही थीं. इस बातचीत को सुनकर पश्चिमी मीडिया के एडिटोरियल बैलेंस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

पाकिस्तान को बचाने वाली 'पश्चिमी मीडिया वैक्सीन', एंकर PAK प्रवक्ता की तरह कर रही थीं बात

नई दिल्ली: अफगानिस्तान  (Afghanistan) में पाकिस्तान आग लगा रहा है. वहीं पश्चिमी मीडिया अब भी पाकिस्तान (Pakistan) को बचाने में जुटा है. 98 वर्ष पुराना बीबीसी (BBC) जैसा संस्थान पाकिस्तान को बचाने के लिए एक एक्सपर्ट (Expert) से भिड़ गया. BBC ने अफगानिस्तान के हालात पर एक पैनल डिस्कशन किया था. उस टीवी कार्यक्रम में अमेरिका (US) की लेखिका और राजनैतिक विशेषज्ञ क्रिस्टीन फेयर (Christine Fair) को बुलाया गया था. शो के दौरान फेयर ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया को दिखाता है कि वो फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) की तरह आग बुझाता है. जबकि सच ये है कि पाकिस्तान आग लगाता है.

  1. पश्चिमी मीडिया के पत्रकार या पाकिस्तान के प्रवक्ता?
  2. पाकिस्तान को बचाने वाली 'पश्चिमी मीडिया वैक्सीन'
  3. पश्चिमी मीडिया के संपादकीय संतुलन का विश्लेषण

BBC एंकर की टोकाटोकी

BBC की एंकर ने कहा कि पाकिस्तान ऐसे आरोपों से इनकार करता है, अगर पाकिस्तान ऐसा करेगा तो इससे उसे नुकसान होगा. फेयर ने कहा कि पाकिस्तान ऐसे खतरे उठाता है, चाहे भारत पर खतरनाक आतंकवादी हमले कराना हो चाहे तालिबान (Taliban) को समर्थन देना हो. एक्सपर्ट अपनी बात पूरी करतीं उससे पहले ही BBC की एंकर ने उन्हें टोकना शुरू कर दिया और कहा कि अभी उनके साथ पाकिस्तान का कोई प्रवक्ता मौजूद नहीं है. एंकर ने ये तक कह दिया कि पाकिस्तान सभी आरोपों से इनकार करता है कि पाकिस्तान ने ही तालिबान को बनाया है. इसके बाद एंकर ने बिना Christine Fair का जवाब सुने उस कार्यक्रम को खत्म कर दिया.

न्यूज़ एंकर या पाकिस्तान की प्रवक्ता?

यानी ये एंकर पूरी तरह से पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह बात कर रही थीं और उसी के प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ा रही थीं. ये हाल देखकर लगता है कि एक दिन आतंकवादियों के प्रवक्ता दुनिया भर के टीवी स्टूडियो में दिखेगें. जैसे बड़े बड़े राजनयिक टीवी स्टूडियो में आते हैं, वैसे ही आतंकवादी भी आएंगे. ऐसे न्यूज़ एंकर्स (News Anchors) उन्हीं की बात को आगे बढ़ाएंगे. धीरे धीरे आतंकवाद मान्यता की तरफ बढ़ रहा है और BBC जैसे संस्थानों ने संपादकीय संतुलन के नाम पर इसकी शुरुआत कर दी है.

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