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ब्रिस्बेन: पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन पर रूसी हमले (Russia-Ukraine War Crisis) की चिंताजनक तस्वीरें सामने आ रही हैं और ऐसे में लाखों लोग ऐसे भी हैं, जो फेसबुक, ट्विटर, टिकटॉक और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर संघर्ष के बारे में गलत सूचना प्रसारित कर रहे हैं या घटनाक्रमों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर भीषण मिसाइल हमले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का वीडियो है. कई लोग इसे ‘#StandWithUkraine’ और ‘#UkraineInvasion’ जैसे हैशटैग्स के साथ शेयर कर रहे हैं. वहीं ऐसे कई वीडियो (Viral Video) और भी है जो इंटरनेट की दुनिया में वायरल है.
इसका एक उदाहरण टिकटॉक पर जारी सैन्य विमानों का एक वीडियो है, जो कि काफी पुराना है, लेकिन इसे यूक्रेन के ताजा हालात का सीधा प्रसारण बताकर साझा किया गया है.
पहले से मौजूद किसी तस्वीर या वीडियो को किसी और समय या स्थान का बताकर साझा करना गलत सूचना देने का सबसे आम तरीका है. इसके अलावा, किसी और जगह की घटना का मंचन करके उसे वास्तविकता के रूप में पेश करना भी एक आसान तरीका है. वहीं वीडियो को शूट करने के खास तरीकों या फोटोशॉप के जरिये भी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके गलत जानकारी दी जा सकती है.
‘बेलिंगकेट’ जैसे यूरोपीय संगठनों ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर सोशल मीडिया के संदिग्ध दावों की सूची बनाकर उनका सच सामने लाना शुरू किया है. कई पत्रकार और फर्जी वीडियो की सच्चाई बताने वाले संगठन फुटेज की सत्यता जांचने और फर्जी वीडियो के बारे में जागरुकता फैलाने का काम कर रहे हैं.
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आप तस्वीरों के फर्जी या असली होने के बारे में तथ्यों के आधार पर खुद जांच कर सकते हैं.
आप इसके लिए पांच कदम उठा सकते हैं :
1. मेटाडाटा की समीक्षा करें.
मेटाडाटा की समीक्षा के लिए आप फाइल डाउनलोड करके उसकी सत्यता जांचने के लिए ‘एडोब फोटोशॉप’ या ‘ब्रिज’ का इस्तेमाल कर सकते है.
2. तथ्यों की जांच करने वाले संगठनों से संपर्क करें.
ऑस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस, आरएमआईटी/एबीसी, एजेंसे फ्रांस-प्रेसे (एएफपी) और बेलिंगकैट जैसे मीडिया संगठन उन वीडियो की सूची तैयार करते हैं, जिनकी उनकी टीम ने तथ्यों के आधार पर समीक्षा की है.
3. ‘सर्च’ का दायरा बढ़ाएं
यदि किसी पुरानी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है तो आप इस फुटेज को कहीं और भी ढूंढ सकते हैं.
4. वीडियो में उपलब्ध विसंगतियों पर ध्यान दें.
यह जांचें कि क्या वीडियो में दर्शाया गया समय घटनास्थल पर मौजूद घड़ियों में दिखाए गए समय या प्रकाश की स्थिति से मेल खा रहा है या नहीं.
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5. अपने आप से कुछ सरल सवाल करें.
खुद से पछें कि क्या आप जानते हैं कि यह वीडियो कहां, कब और क्यों शूट किया गया? क्या आप जानते हैं कि इसे किसने बनाया है और क्या यह मूल संस्करण है?
ये युद्ध जबसे शुरू हुआ है, तबसे लगातार इससे जोड़ते हुए फर्जी और पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं. हम ऐसे और भी कई वीडियोज की सच्चाई बता चुके हैं. अगर आपको वीडियो की सत्यतता को लेकर कोई भी संदेह है तो उसे साझा नहीं करें. इस तरह आप दुष्प्रचार के प्रभाव को कम करने और यूक्रेन में असल हालात को लोगों के सामने लाने में मदद कर सकते हैं.