Famous Streets of Delhi: पराठे वाली तो पता होगी, लेकिन दिल्ली में कभी इस 'रुमाल वाली गली' का नाम सुना है?
Advertisement

Famous Streets of Delhi: पराठे वाली तो पता होगी, लेकिन दिल्ली में कभी इस 'रुमाल वाली गली' का नाम सुना है?

Know your city Streets of Delhi: आड़ी-टेढ़ी, लंबी-चौड़ी, छोटी-मोटी और जानी-अंजानी गलियां. दिल्ली (Delhi) में बेशुमार गलियां हैं. इसकी हर गली का एक इतिहास है. यहां गलियों के अंदर भी गलियां. मकड़जाल में तारों में मानो उलझी हुई गलियां, जो भी हो किस्से भी बड़े बेहिसाब सुनाती हैं दिल्ली की ये गलियां. 

दिल्ली की गलियां और उनका इतिहास

Rumal wali gali: दिन ढलते ही किसी घर की दहलीज पर गुलजार होने लगती हैं गलियां. कभी लगता है भावनाओं और अपनेपन से बंधी गलियां. दिल्ली की गलियों के किस्सों पर लिखा जाए तो कागज कम पड़ जाएगा लेकिन दादी, नानी, बुजुर्गों के मुंह से निकलने वाली गलियों के कहानी किस्से खत्म नहीं होंगे. वक्त की आंधी और विकास ने आज चाहे दिल्ली को कितना ही खूबसूरत बनाकर बदल दिया हो लेकिन अभी भी दिल्ली की गलियों में किस्से-कहानियां जिंदा हैं. कुछ तो है यहां, इनका सम्मोहन, इनकी ऐतिहासिकता, इनका अपनापन, इनका बचपन और इसकी आत्मीयता जो लाख अड़चनों और मुश्किलों के बावजूद लोगों को अपने से जुदा नहीं होने देता है. ऐसे में अब आपको बताने जा रहे हैं दिल्ली की रुमाल वाली गली के बारे में जो पुरानी दिल्ली की पराठे वाली गली जैसी मशहूर नहीं है, लेकिन उसका नाम कई अटकलों और कयासों को आए दिन हवा देता रहता है.

कहां है रुमाल वाली गली?

उत्‍तर पश्चिमी दिल्‍ली की एक जगह है रामपुरा. कहने को तो ये कभी गांव था, लेकिन अब विकास की संजीवनी पाकर ये जगह भी शहरी शोरगुल में रम गई है. करीब 20 से 25 हजार की आबादी वाला ये इलाका त्रि नगर विधानसभा और चांदनी चौक लोकसभा में आता है. शकूरपुर, अशोक विहार और करमपुरा के बीच एक ट्राईएंगल में बसे इसी गांव के बीच से होकर एक सड़क जाती है- पंडित लेखराम शर्मा मांग और ठीक इस सड़क से लगती हुई एक गली है जिसका नाम है 'रुमाल वाली गली.'

'रुमाल वाली गली' कैसे पहुंचे?

दिल्ली की इस रुमाल वाली गली में कई दुकानें और घर है. रामपुरा के सबसे नजदीक दिल्‍ली कैंट रेलवे स्‍टेशन है. जबकि नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन यहां से 12 Km दूर है. 

कैसे पड़ा नाम?

दिल्‍ली की इस गली को 'रुमाल वाली गली' क्‍यों कहते हैं, इसे लेकर फिलहाल कोई प्रमाणिक जानकारी उपलब्‍ध नहीं है. हालांकि यहां बनी दुकानों की मौजूदगी से लगता है कि यहां कभी या तो रुमाल बिकते होंगे या ये जगह रुमाल बेचने वाले व्‍यापारियों के मोहल्ले के रूप में मशहूर होगी. आज यहां मौजूद दुकानों में आपको किसी दुकान में रुमाल बिकती हुई मिल सकती है, लेकिन रुमाल बेचने वाला शख्स भी इस सवाल का जवाब शायद नहीं बता पाएगा कि इसे रुमाल वाली गली क्यों कहते हैं? हालांकि आज तो रुमाल वाली गली में किराने की दुकान, मेडिकल स्टोर, मोबाइल फोन रिपेयरिंग स्टोर, और प्‍लास्टिक के सामान की कई दुकानें हैं.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news