World AIDS Vaccine Day: जानें कहां से आई ये बीमारी? क्यों है अभी तक ला-इलाज
Advertisement

World AIDS Vaccine Day: जानें कहां से आई ये बीमारी? क्यों है अभी तक ला-इलाज

हर साल 18 मई को दुनिया भर में 'वर्ल्ड एड्स वैक्सीन दिवस' (World AIDS Vaccine Day) के रूप में मनाया जाता है. इसके टीके की जानकारी घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है. इस खास दिन का मकसद लोगों में एड्स से बचाव और इसकी वैक्सीन के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली:  ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी  विषाणु (HIV) यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोग सोचना भी नहीं चाहते हैं. यह वायरस शरीर की प्रतिरतक्षा प्रणाली पर हमला करता है. अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो इससे एड्स हो सकता है. लोगों की इस समस्‍या को दूर करने के लिए हर साल 18 मई को दुनिया भर में 'वर्ल्ड एड्स वैक्सीन दिवस' (World AIDS Vaccine Day) के रूप में मनाया जाता है.

ये भी पढ़े: Cannes Film Festival 2022: इन हसीनाओं ने रेड कार्पेट पर बिखेरे जलवे, मस्तानी के फैंस हुए दिवाने, यहां देखें Look

इसके टीके की जानकारी घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है. इस खास दिन का मकसद लोगों में एड्स से बचाव और इसकी वैक्सीन के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है. यही नहीं, इस दिन एड्स मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स को भी सम्‍मान दिया जाता है. इस दिशा में शोध कर रहे और टीका के निर्माण में योगदान कर रहे वैज्ञानिकों को भी विशेष सम्‍मान दिया जाता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 1997 में 18 मई को मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भाषण दिया था. इसी के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि आज का दिन विश्व एड्स टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाए. बिल क्लिंटन ने कहा था कि आने वाले एक दशक में एड्स को वैक्‍सीन के माध्यम से खत्म किया जाए. इसी भाषण के बाद से दुनियाभर में लोगों में ये उम्‍मीद जागी कि एड्स को खत्म किया जा सकता है.

HIV के बारे में मूल बातें जानना आपको स्वस्थ रख सकता है. आज आपको एचआईवीके बारे में कुछ बेसिक जानकारी बताएंगे, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. 

अभी इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज नहीं है. एक बार किसी को HIV हो जाए तो जीवन घर के लिए हो जाता है. इसे मेडिकल केयर से कंट्रोल किया जा सकता है. HIV वाले लोग प्रभावी ट्रीटमेंट लेकर लंबी और स्वस्थ लाइफ जी सकते हैं.

HIV की उत्पत्ती
इंसानों में यह संक्रमण अफ्रीका के चिंपैंजी से आया था. इंसान मांस खाने के लिए चिंपैंजी का शिकार करते थे. यह वायरस 1800 के दशक में इंसानों में आ गया होगा, जिससे यह वायरस धीरे-धीरे पुरी दुनिया में फैल गया.

इसके लक्षण
इस बीमारी के लक्षण- बुखार, ठंड लगना, दाने, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, थकान, सूजन लिम्फ नोड्स और मुंह के छाले आदि होते हैं. कुछ लोगों में संक्रमण के 2 से 4 हफ्ते के भीतर फ्लू जैसे लक्षण होते हैं. ये लक्षण कुछ दिनों या कई हफ्तों तक रह सकते हैं.

कुछ लोग तीव्र एचआईवी संक्रमण के दौरान बीमारी महसूस नहीं कर पाते हैं. इन लक्षणों का मतलब यह नहीं है कि आपको एचआईवी है. अन्य बीमारियां भी यही लक्षण पैदा कर सकती हैं. अगर आपके पास ये लक्षण हैं तो डॉक्टर के पास जाएं. एचआईवी के लिए टेस्ट करवाना ही निश्चित रूप से जानने का तरीका है कि आपको एचआईवी है या नहीं.

जब एचआईवी से पीड़ित लोगों को इलाज नहीं मिलता है, तो वे आमतौर पर तीन स्टेज में आगे बढ़ते हैं, पहली- तीव्र एचआईवी संक्रमण, दूसरी- जीर्ण एचआईवी संक्रमण, तीसरी- एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स).

WATCH LIVE TV

Trending news