Haryana: केंद्र की योजनाओं का लाभ उठा रहे किसान, बोले- दोगुना हो रही कमाई
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Haryana: केंद्र की योजनाओं का लाभ उठा रहे किसान, बोले- दोगुना हो रही कमाई

केंद्र सरकार द्वारा जहां किसानों को अपनी योजनाओं के तहत दुगनी आए करने का संकल्प लिया था इसके तहत किसान पानीपत में सरकार की किसानों की योजनाओं का लाभ उठाकर प्रगतिशील किसान की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं.

Haryana: केंद्र की योजनाओं का लाभ उठा रहे किसान, बोले- दोगुना हो रही कमाई

राकेश भयाना/ पानीपत: केंद्र सरकार द्वारा जहां किसानों को अपनी योजनाओं के तहत दुगनी आए करने का संकल्प लिया था इसके तहत किसान पानीपत में सरकार की किसानों की योजनाओं का लाभ उठाकर प्रगतिशील किसान की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं. पानीपत जिले के जलालपुर गांव के युवा किसान पिछले 8 साल से धान डीएसआर और सब्जियों के साथ नेचुरल खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. सरकार की योजनाओं के अनुरूप काम कर दूसरे किसानों को भी जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं सरकार द्वारा खेती करने की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय में लगातार वृद्धि कर रहे हैं और प्रगतिशील किसान के अद्भुत उदाहरण पेश कर रहे हैं.

जलालपुर- युवा किसान, दिलबाग सिंह

पानीपत जिला जलालपुर के युवा किसान दिलबाग सिंह ने बताया कि पिछले 7 साल से 11 एकड़ भूमि पर खेती कर केंद्र और हरियाणा सरकार की योजनाओं के जरिये दूसरे किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं. दिलबाग ने बताया कि धान, गन्ना, गेहूं और अनेक सब्जियों की खेती कर रहा हूं. उन्होंने बताया कि 3 साल तक आलू की खेती की जिसमें काफी अच्छा मुनाफा हुआ था. किसान ने बताया कि धान में डीएसआर की खेती कर रहा हूं जिसमें केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार सहयोग कर रही है. उन्होंने बताया कि धान डीएसआर खेती करने के कारण केंद्र और हरियाणा सरकार द्वारा ₹5000 की प्रति एकड़ सब्सिडी मिली. 

उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र बापौली खंड के अधिकारियों से समय-समय पर काफी सहयोग रहता है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल से धान डीएसआर की खेती शुरू की थी समय-समय पर खेत में आकर अधिकारी निरीक्षण करते हैं और वैज्ञानिक सलाह भी देते हैं. दिलबाग ने बताया कि सब्जी में आलू और भिंडी खेती की थी जिसमें मुझे काफी लाभ हुआ. दिलबाग ने बताया कि सरकार की योजना किसानों की आय दोगुनी करने का है. सरकार किसानों को जागरूक तो कर रही है, लेकिन किसानों को अपनी मैनेजमेंट का भी ध्यान रखना होगा तभी उसको लाभ अधिक होगा . उन्होंने कहा कि किसान अपनी खेती में खर्चा अधिक करने के कारण उन्हें लाभ नहीं हो पाता है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा एमएसपी में बढ़ोतरी करने के बाद आय में वृद्धि हुई है तो वहीं प्राकृतिक खेती की तरफ भी कदम बढ़ा रहा हूं.

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किसान ने बताया कि इस बार के बजट में भी केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती की तरफ विशेष तौर पर ध्यान दिया है. उन्होंने बताया कि पहले प्रति एकड़ ₹37,000 की इनकम होती थी, लेकिन अब प्राकृतिक खेती की तरफ ध्यान देने से आय वृद्धि होगी.

जलालपुर- दूसरे किसान

जलालपुर के दूसरे किसान ने कहा कि केंद्र में हरियाणा सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों को जागरूक करने के साथ आय में वृद्धि करना है. अगर किसान जागरूक होगा और खेती में कम खर्चे के साथ प्राकृतिक खेती की क्षेत्र पर ध्यान देगा तो उनकी आय में वृद्धि होगी. कटार सिंह किसान ने कहा कि पहले खेती में खाद अधिक डालते थे, लेकिन दिलबाग को प्राकृतिक खेती देखकर उनकी तरह ही खेती कर रहा हूं जिससे काफी लाभ होने की संभावना है.

किसान अर्जुन सिंह ने बताया कि जीरी और लौकी की खेती से काफी अच्छी पैदावार हुई है. इस बार गेहूं काफी अच्छी हुई है काफी अधिक लाभ होने की संभावना है.बैंगन, मेथी , मूली और चुकंदर की सब्जी की खेती की थी जिसमें खर्च से 5 गुना अधिक लाभ हुआ.

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ राजवीर गर्ग ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की कृषि से संबंधित बहुत सी योजनाएं हैं. उन्होंने बताया कि जागरूक किसान ही सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकता है. सरकार की ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिसमें सरकार के लक्ष्य पूरे नहीं होते और लाभ उठाने वाले किसान सामने नहीं आते हैं. अधिकारी ने बताया कि बागवानी के क्षेत्र में सरकार हर पहलू पर सब्सिडी के साथ इंसेंटिव दे रही है. उन्होंने बताया कि पॉलीहाउस, नेशनल प्लांटिंग मेटीरियल, नया बाग फूलों की खेती के साथ फसल अवशेष प्रबंधन 80% पर मशीनें किसानों को दी जा रही है. किसान को सरकार उन्हें 80% सब्सिडी देकर नाम मात्र पैसे लेती है. मेरा पानी मेरी विरासत किसानों को लाभ दिया जाता है.

डॉ राजबीर ने बताया कि सीधी बिजाई में भी सरकार किसानों को पैसा देती है. उन्होंने बताया कि इन सभी योजनाओं का किसान पर निर्भर करता है कि वह कैसे लाभ उठा सकता है. अधिकारी ने कहा कि बहुत से किसानों ने योजनाओं का लाभ उठाकर फायदा कमाया है, लेकिन बड़े दुखी मन से कहना पड़ता है. कामगर किसान अभी आगे नहीं आ रहा है. डॉ राजवीर ने कहा कि किसान अपनी योजनाओं को लेकर आए ताकि उन्हें परियोजनाओं में डाला जाए, जिससे उनकी कमाई में मदद मिले. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को को बधाई देनी चाहिए क्योंकि सभी योजनाएं ऑनलाइन है. किसी भी बिचोले का कोई काम नहीं है. ऑनलाइन होने से अधिकारियों के बार-बार चक्कर भी नहीं काटने पड़ते है.

किसानों से अपील की कि ऑनलाइन स्कीमों का लाभ लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं अगर किसी प्रकार की कमी होगी तो अधिकारी उसकी पूर्ति खुद करेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों को योजनाओं की जानकारी होनी बहुत जरूरी है. डॉ राजवीर गर्ग ने बताया कि खेती की नई तकनीक की जानकारी के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है. 

अधिकारी ने बताया कि पानीपत में बहुत से किसानों ने सब्जी के क्षेत्र में अच्छा काम कर प्रगतिशील किसान बने हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से किसानों ने धान की फसल छोड़कर सब्जी की खेती को अपनाया है. भारत सरकार का 2022 का लक्ष्य था कि किसानों की आमदनी को दोगुनी किया जाए जिसे लेकर पानीपत के 110 किसानों की सफलता की स्टोरी बनाकर भारत सरकार को भेजी गई. उन्होंने बताया कि 110 किसानों की सफलता की स्टोरी बनाने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि जो किसान धान की फसल आज भी कर रहा है. उसकी आय में इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन जिस किसानों ने गन्ना सब्जी आधारित व पशुपालन को साथ लेकर काम किया व मशरूम की खेती की उनकी आमदनी दोगुनी से ज्यादा तिगुनी हुई है.

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