Delhi MCD में AAP की जादूगरी के बाद भी कैसे BJP हारकर बन गई बाजीगर?
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Delhi MCD में AAP की जादूगरी के बाद भी कैसे BJP हारकर बन गई बाजीगर?

हालांकि इस पर AAP का मानना है कि चाहे लोकसभा चुनाव हों, विधानसभा चुनाव हों या फिर एमसीडी चुनाव, हर बार जनता मूड बदलती है, जिसका असर वोट शेयर पर पड़ता है. 

Delhi MCD में AAP की जादूगरी के बाद भी कैसे BJP हारकर बन गई बाजीगर?

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Result) में आम आदमी पार्टी की झाड़ू आखिर चल ही गई. लेकीन BJP भी एमसीडी में एक मजबूत विपक्ष बनकर सामने आई है. आम आदमी पार्टी को मिली सत्ता तो BJP भी नुकसान में नहीं रही, जबकि कांग्रेस पर चारों ओर से हार का वार हुआ है. 2022 एमसीडी चुनाव में जीत-हार के आंकड़े स्पष्ट रूप से आ गए हैं. इन्हीं आकड़ों के नजरिए से बात करें तो वोट शेयर में आम आदमी पार्टी को काफी ज्यादा फायदा पहुंचा है जबकि BJP के हाथ से सत्ता तो गई पर ज्यादा घाटा भी सहन नहीं करना पड़ा. वहीं दिल्ली में अब कांग्रेस को जनता ने नकार दिया है. यह भी चिंता का विषय है. चलिए बताते हैं  2017 के चुनावों के मुकाबले इस बार किस पार्टी का वोट शेयर कितना रहा और उन्हें कितना नफा-नुकसान उठाना पड़ा.

आम आदमी पार्टी की जीत के बाद का हाल 
एमसीडी चुनाव 2022 के आंकड़ों को देखते हुए बात करें तो आम आदमी पार्टी फायदे में नजर आ रही है. 2017 के नतीजों की बात करें तो आम आदमी पार्टी को एनडीएमसी में 27.88 फीसदी, एसडीएमसी में 26.44 फीसदी और ईडीएमसी में 23.4 फीसदी वोट शेयर मिले थे. इसके मुकाबिल 2022 के नतीजे काफी ज्यादा है. इस बार AAP के खाते में 42.05 फीसदी मतदान हुआ है. जनता ने आम आदमी पार्टी पर एक बार फिर भरोसा जताया है. कूड़ा साफ करने के वादे पर जनता ने एक बार फिर केजरीवाल पर प्यार लुटाया है.

AAP के लिए क्यों खतरे की है घंटी
वहीं साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP का वोट प्रतिशत 53.61 रहा, उस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 38.52 फीसदी और कांग्रेस का 4.25 फीसदी था. हालांकि इस चुनाव में AAP को सबसे ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन 2015 की तुलना में वोट प्रतिशत कुछ घट गया था. 2015 में AAP का वोट शेयर 54.3 फीसदी था, जबकि BJP का 32.3 और कांग्रेस का 9.7 फीसदी था. यानी AAP का वोट प्रतिशत एक फीसदी कम हो गया था. 2020 विधानसभा चुनाव में AAP को मिले वोट प्रतिशत की तुलना 2022 के एमसीडी से करें तो आंकड़े कह रहे हैं कि AAP को नुकसान हुआ है. दो साल पहले विधानसभा चुनाव में जहां AAP का वोट शेयर 53.61 फीसदी था, इस बार एमसीडी चुनाव 2022 में यह घटकर 42.05 फीसदी रह गया है. यानी AAP के वोट शेयर में सीधे 11.56 फीसदी गिरावट हुई है. यह आम आदमी पार्टी के लिए खतरे की घंटी भी हो सकती है.

भाजपा के हाथ से सत्ता तो गई, लेकिन नहीं रहा घाटे का सौदा 
आंकड़ों को देखा जाए तो भाजपा सत्ता से तो बाहर हो गई, लेकिन वोट शेयर को देखें तो 15 साल किए MCD पर राज ने ज्यादा नुकसान होने से बचा लिया. 2017 के नतीजों की बात करें तो भाजपा को एनडीएमसी में 35.63 फीसदी, एसडीएमसी में 34.87 फीसदी और ईडीएमसी में 38.61 फीसदी वोट शेयर मिला था. जबकि इस बार BJP के खाते में 38.61 फीसदी मतदान हुआ हैं. जनता ने भाजपा पर कुछ जगह भरोसा तो दिखाया है. अब देखना यह है जीते हुए BJP के पार्षद जनता की उम्मीदों पर कितना खरे उतरते हैं.

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कांग्रेस का बुरा हाल, शायद ही कर पाए कमबैक
शीला दिक्षित के नाम पर भी कांग्रेस का हाल बुरा ही रहा. सीटें तो हाथ से गईं ही साथ ही वोट शेयर भी बुरी तरह से गिरता हुआ नजर आया. कांग्रेस का वोट शेयर 2022 के इन चुनावों में सिर्फ 11.68 फीसदी ही रहा. जबकि 2017 में एनडीएमसी में 20.73 फीसदी, एसडीएमसी में 20.29 फीसदी और ईडीएमसी में 22.84 फीसदी वोट शेयर कांग्रेस के हाथ आया था. इसका औसत 21 फीसदी के करीब होता है.

किसको मिली कितनी सीटें
एमसीडी चुनाव 2022 के 250 वार्डों पर आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं भाजपा के खाते में 104 सीटें गईं. कांग्रेस सिर्फ 9 सीटें पर सिमट कर रह गई. जबकि निर्दलियों ने तीन सीटों पर भी जीत हासिल की.

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