किसानों के आगे फिर झुकी मनोहर सरकार, धर्मपाल के परिवार को मिलेगा मुआवजा और नौकरी
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किसानों के आगे फिर झुकी मनोहर सरकार, धर्मपाल के परिवार को मिलेगा मुआवजा और नौकरी

राख को लेकर हुए विवाद के मामले में किसानों के आगे हरियाणा सरकार झुक गई है. सराकर ने किसानों की मांगों को मान लिया है. अब किसान धर्मपाल का अंतिम संस्कार युवाओं के जाल से आने पर कर देंगे.

 

किसानों के आगे फिर झुकी मनोहर सरकार, धर्मपाल के परिवार को मिलेगा मुआवजा और नौकरी

हिसार: करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज मामले में किसानों के गुस्से का शिकार हुई मनोहर सरकार एक बार फिर बैकफुट पर नजर आई. 8 जुलाई को हिसार के खेदड़ गांव में थर्मल पावर प्‍लांट की राख को लेकर हुए विवाद के बाद हरियाणा सरकार ने नाराज किसानों की मांगें मान ली हैं. इस विवाद के दौरान जान गंवाने वाले ग्रामीण धर्मपाल के परिवार को मुआवजा, नौकरी देने पर सहमति बन गई है.

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इस विवाद के बाद से महापंचायत कमेटी ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक धर्मपाल का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. आज प्रशासन और महापंचायत कमेटी की तीसरी बैठक में किसानों की मांगों पर आखिरकार सहमति बन गई. हालांकि मृतक धर्मपाल का अंतिम संस्कार जेल में बंद चारों युवाओं की रिहाई के बाद ही करने की बाद कमेटी ने कही है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने धरना स्थल पर सभी ग्रामीणों और किसानों के सामने प्रशासन से हुई बातचीत का ब्यौरा रखा. किसानों ने जाम का फैसला वापस ले लिया है. मीटिंग में तय हुआ कि गांव की गोशाला को 37 रुपये प्रति टन के हिसाब से पैसा मिलेगा. इसके साथ ही मृतक धर्मपाल के परिवार को मुआवजा, नौकरी इत्यादि पर सहमति बनी है. साथ ही केस वापस लेने पर भी सहमति बनी है. इसके अलावा कुछ अन्य मांगे सीएम लेवल की थी, उनका निपटारा सीएम मनोहर लाल से कमेटी के सदस्यों की मुलाकात करवाकर करवाया जाएगा. इससे पहले आज खेदड़ में महापंचायत हुई थी, जिसमें 4 बजे तक का अल्टीमेटम देते हुए रोड पर धर्मपाल के शव को लेकर प्रदर्शन करने की वार्निंग दी गयी थी. मामले का समाधान होने पर ग्रामीणों ने मृतक धर्मपाल के शव को भूना सड़क से उठाकर गोशाला में रख दिया.

किसान नेता गुरनाम चढूनी ने बताया कि मीटिंग में कुछ मांगों पर सहमति बनी है, जिसके तहत राख पर गोशाला को 37 रुपये प्रति टन भराई मिलेगी. गिरफ्तार युवाओं की जमानत होगी. 15 दिन के अंदर कानूनी प्रकिया के तहत मुकदमे खत्म होंगे. मृतक के बेटे को नौकरी मिलेगी. युवाओं के जेल से बाहर आने पर मृतक का दाह संस्कार होगा. अभी शव को सड़क से उठाकर गोशाला में रखा जाएगा.

अल्टीमेटम खत्म होने से पहले पहंचे प्रशासनिक अधिकारी
ग्रामीणों ने सुबह ट्रेक्टर से बेरीकेड्स हटाए. ग्रामीणों का 72 घंटे का अल्टीमेटम खत्म होने के बाद महापंचायत शुरू हो गई है. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे. इसके बाद मृतक धर्मपाल को श्रद्धाजंलि दी गई. इसके बाद 15 सदस्यीय कमेटी ने फैसला लिया कि शाम 4 बजे तक प्रशासन ने मांगें नहीं मानी तो उसके बाद शव को सड़क पर रखकर जाम लगाया जाएगा. अल्टीमेटम खत्म होने से पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों की एक 3 सदस्यीय कमेटी बातचीत करने के लिए पहुंच गई.

पिछले 5 दिनों से ग्रामीणों की 15 सदस्यीय कमेटी और 3 सदस्यीय प्रशासनिक कमेटी के बीच बातचीत हो रही है. इसके बाद भी विवाद का कोई समाधान नहीं निकल रहा है. ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस ने हत्या, हत्या का प्रयास सहित करीब 11 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

ग्रामीणों ने राख की मांग को लेकर खेदड़ पावर प्लांट के अंदर जाने वाले रेलवे ट्रैक पर पड़ाव डालने का फैसला किया था. इसके बाद किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर ट्रैक की ओर निकल पड़े. इसके बाद पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया. किसानों ने ट्रेक्टर चड़ाकर बैरिकेड्स तोड़ दिए. इसके बाद पुलिस ने किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का प्रयोग किया. किसानों का दावा है कि पुलिस के लाठीचार्ज से किसानों को चोटें आईं. वहीं एक किसान धर्मपाल की मौत भी हो गई, जबकि पुलिस का कहना है कि धर्मपाल की मौत ट्रैक्टर के नीचे आने से हुई है. वहीं तीन पुलिस कर्मचारी भी गंभीर रुप से घायल हैं.

पिछले साल भी हो गई थी मौत
28 अगस्त 2021 को बीजेपी ने करनाल में मीटिंग बुलाई थी. इस दौरान तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस ने इन पर लाठीचार्ज कर दिया था. लाठीचार्ज के दौरान एक व्यक्ति की जान चली गई थी.

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