कैथल में पैक्स कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन कर कहा की सरकार के रवैयै ने उन्हें धरना के लिए मजबूर किया. साथ ही उन्होंने राज्य और जिला सहकारी बैंकों द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है.
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कैथल:कैथल के लघु सचिवालय में पैक्स कर्मचारियों ने लंबित मामलों को लेकर धरना किया है. पैक्स कर्मचारियों का कहना है कि जबतक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती, तबतक वो धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. कर्मचारियों ने ये भी कहा है कि उनकी मांगों को ना माने जाने तक वो कार्य नहीं करेंगे. पैक्स कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन को कई यूनियन ने भी अपना समर्थन दिया है.
कैथल में पैक्स कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को लेकर आगाह किया है. कर्मचारियों ने कहा है कि 2019 में जिला सहकारी बैंको द्वारा पुरानी पदोन्नति बहाल की घोषणा की गई थी. इसे लागू कराने के लिए महासंघ को बार-बार धरना प्रदर्शन करना पड़ा. मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री को इसके बारे में आगाह किया गया, लेकिन आश्वासन के आलावा कुछ नहीं मिला. चार वर्ष बीत जाने के बाद हमारे 70 प्रतिशत साथी सेवानिवृत हो चुके हैं और हर महीने हमारे 50-60 साथी सेवानिवृत हो रहे हैं. ऐसे में हमारे साथ जो पदोन्नति का वादा किया गया था, वो कब पूरा किया जाएगा?
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कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के नकारात्मक रवैये ने महासंघ को पैक्स स्तर के सभी कार्य बंद करने के लिए मजबूर किया है. साथ ही उनका कहना है कि राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक दोनों ने पैक्स को 2008 में बने नियमों से ज्यादा ब्याज लगाकर हजारों करोड़ रुपये का चुना लागाया है. पिछले 8 वर्षों से किसानों को देने वाली अल्पकालीन कृषि ऋण किसानों को ना देकर मंहंगे ब्याज पर अन्य क्षेत्रों में लगा दिया गया है.
यूनियन द्वारा की गई मांगे इस प्रकार हैं-
-सहकारी बैंको में पदोन्नति आदेश बिना शर्त जारी किया जाए.
-सहकारी समितियों से किसानों की 3 लाख की अलप्कालीन कृषि ऋण की लिमिट बनाई जाए और कृषि ऋण के पैसे का गलत प्रयोग करने पर हरियाणा राज्य सहकारी बैंक के खिलाफ सहकारी धाराओं के तहत करवाई की जाए.
-पैक्स को ऑफिस स्तर पर ऑनलाइन किया जाए.
- अनुकंपा के आधार पर सर्विस के आदेश को लागू किया जाए.
-सहकारी समितियों में जिला सहकारी बैंको की लूट का पैसा वापस किया जाए.