Haryana Crime: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद किसान बेरंग, माफिया कर रहे करोड़ों की कमाई
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Haryana Crime: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद किसान बेरंग, माफिया कर रहे करोड़ों की कमाई

Haryana Crime: करनाल जिले में बीते करीब कई वर्षों से जारी चकबंदी विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. एक दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों किसान चकबंदी के कारण प्रभावित हैं.

Haryana Crime: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद किसान बेरंग, माफिया कर रहे करोड़ों की कमाई

Haryana Crime: करनाल में जमीनी विवाद को लेकर एक दर्जन से अधिक गांव के किसानों ने महापंचायत की है. किसानों ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद भी किसानों को उनकी जमीन नहीं मिल रही है. किसानों का आरोप है कि 1 एकड़ जमीन पर भू माफियाओं के कब्जे और राजनीतिक दबाव के कारण आजतक उनकी जमीन उन्हें नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों से वो अपनी जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन आज भी उनके हाथ खाली हैं. 

30 वर्षों के बाद भी हाथ खाली
करनाल जिले में बीते करीब कई वर्षों से जारी चकबंदी विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. एक दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों किसान चकबंदी के कारण प्रभावित हैं. इस विवाद को लेकर आज गांव केरवाली में किसानों की महापंचायत हुई. किसानों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक फैसला उनके हक में आ चुका है, लेकिन राजनीतिक दबाव और भूमाफिया के कारण सैकड़ों किसानों को उनकी भूमि नहीं मिल पा रही है. महापंचायत में पहुंचे सैकड़ों किसानों ने मांग की कि सरकार और प्रशासन कोर्ट के निर्णय को जल्द लागू करे. 

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भू माफियाओं पर लगाया आरोप
किसान महापंचायत में बताया गया कि भूमाफिया के पचास लोग कई एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा किए बैठे हैं, जबकि ये जमीन तीस वर्ष पहले ही मात्र पांच सौ किसानों को मिलनी चाहिए.  किसानों का आरोप है कि भूमाफिया के लोग अवैध कब्जे की जमीनों से हर साल करोड़ों रुपए कमा रहे हैं. राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण भूमाफिया के लोग कब्जा कार्रवाई में रोड़ा अटकाते हैं. इस कारण पीड़ित किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है.

किसानों ने लगाई कई आरोप
इस महापंचायत में किसानों ने आरोप लगाया कि उनका हक मारकर भू माफिया लगातार करोड़ों की कमाई कर रहे हैं, लेकिन उनको ही उनकी जमीन नहीं मिल पा रही है. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि राजनीतिक दबाव में आकर हमेशा उनके हक के फैसलों को नहीं आने दिया जाता है. इस कारण कई किसान प्रभावित हो रहे हैं. एक ओर जिनकी जमीने हैं उनको हक नहीं मिल पा रहा है तो वहीं दूसरी ओर माफिया उनकी जमीन से लगातार पैसे बना रहे हैं. 

इनपुट- कमरजीत सिंह

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