हरियाणा में अनाज मंडी के आढ़ती दूसरे दिन भी हड़ताल पर, मांग पूरी न होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
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हरियाणा में अनाज मंडी के आढ़ती दूसरे दिन भी हड़ताल पर, मांग पूरी न होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

हरियाणा में अनाज मंडियों के आढ़ती आज दूसरे दिन भी हड़ताल पर है. उनकी हड़ताल से किसानों का खासी परेशानी हो रही है. वहीं आढ़तियों का कहना है कि हमारे मांगी पूरी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन होगा.

हरियाणा में अनाज मंडी के आढ़ती दूसरे दिन भी हड़ताल पर, मांग पूरी न होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

कुलवंत सिंह/यमुनानगर: अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर की तरह आज दूसरे दिन भी यमुनानगर और यमुनानगर ब्लॉक रादौर, सरस्वती नगर (मुस्तफाबाद) की अनाज मंडियों के आढ़ती हड़ताल पर हैं. इस दौरान आढ़तियों ने मार्किट कमेटी कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया है. वहीं आढ़तियों ने साफ कर दिया की आज अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. आढ़तियों की हड़ताल का असर उस वक्त भी देखने को मिला जब आज धान की फसल की खरीद शुरू होनी थी और धान की खरीद नहीं की जा रही.

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यमुनानगर के साथ लगते ब्लॉक रादौर, सरस्वती नगर (मुस्तफाबाद) की अनाज मंडीयो में हड़ताल का दूसरा दिन भी जारी है. हरियाणा में एक तरफ किसान धान लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं और दूसरी तरफ आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. आढ़ती जगाधरी की नई अनाजमंडी में धरने पर बैठ हैं. धरना प्रदर्शन कर हरियाणा सरकार की ईनेम पॉलिसी का जमकर विरोध कर रहे हैं.

प्रदर्शन की अगुवाई हरियाणा स्टेट अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के आढ़ती शिवकुमार संधाला ने की. इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले आढ़तियों को अढ़ाई प्रतिशत आढ़त मिलती थी, लेकिन सरकार ने वह 46 रुपये फिक्स कर दी है, जोकि उनके हितों पर सीधा कुठाराघात है. वहीं उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की इच्छा के अनुसार आढ़ती या स्वयं उसके खाते में किया जाना चाहिए. इससे आढ़तियों को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सरकार आढ़तियों और किसानों के रिश्ते को तोड़ना चाहती है. वहीं उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशो में मार्किट फीस बहुत कम है, जिसके चलते अब अन्य प्रदेशों के किसान हरियाणा की मंडियों में अपनी फसल लेकर नहीं आता, क्योकिं हरियाणा में मार्किट फीस वहां से ज्यादा है. इसलिए सरकार से मांग की गई थी की मार्किट फीस कम की जाए, जिससे किसानों को अच्छा भाव मिल सके, लेकिन सरकार आए दिन नए नए प्रयोग कर किसानों और आढ़तियों को परेशान करने में लगी है. वहीं उन्होंने कहा कि जल्द मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन होगा.

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