मुट्ठीभर चांद: रोहतक में बना नट बोल्ट Chandrayaan 3 में लगा
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मुट्ठीभर चांद: रोहतक में बना नट बोल्ट Chandrayaan 3 में लगा

Chandrayaan​ 3: चंद्रयान 3 में रोहतक में बने लगभग 1,50,000 नट बोल्ट लगो हैं. रोहतक स्थित एलपीएस बोसार्ड (LPS Bossard) कंपनी के महाप्रबंधक इस बात के लिए खुश हैं कि भारत के हरियाणा राज्य का एक छोटा सा शहर रोहतक भी इसरो के ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने जा रहा है.

मुट्ठीभर चांद: रोहतक में बना नट बोल्ट Chandrayaan 3 में लगा

Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 को श्री हरिकोटा से चांद के रवाना कर दिया गया है. ये चंद्रयान 45 से 50 दिनों के बाद चांद पर पहुंचेगा. चंद्रयान 3 से भारतवासियों को काफी उम्मीदें हैं क्योंकि पिछली बार हमारा चांद का सफर अधूरा रह गया था. इस चंद्रयान में हरियाणा राज्य का एक बड़ा ही मूलभूल योगदान है.

1.5 लाख नट बोल्ट किया तैयार
चंद्रयान 3 में रोहतक में बने लगभग 1,50,000 नट बोल्ट लगो हैं. रोहतक स्थित एलपीएस बोसार्ड (LPS Bossard) कंपनी के महाप्रबंधक इस बात के लिए खुश हैं कि भारत के हरियाणा राज्य का एक छोटा सा शहर रोहतक भी इसरो के ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने जा रहा है. चंद्रयान 3 आज अपने ऐतिहासिक मिशन के लिए उड़ान भर चुका है. चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए जहां इसरो के वैज्ञानिकों का जत्था जद्दोजहद कर रहा है. 

गोपनीय तरीके से हुआ निर्माण
वहीं, एलपीएस बोसर्द के लोगों की भी धड़कनें तेज हैं. क्योंकि, चंद्रयान के निर्माण में लगे तमाम नट बोल्ट इसी कंपनी द्वारा तैयार किए गए हैं. एलपीएस बोसार्ड के महाप्रबंधक मुकेश सिंह ने बताया कि देश के प्रतिष्ठित इस यूनिक प्रोजेक्ट के लिए उन सालों की मेहनत लगी है. उन्होंने बताया कि बहुत ही गोपनीय तरीके से गुणवत्ता के साथ तैयार किए गए नट बोल्ट ही इसरो को उपलब्ध करवाए गए हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग होगी और एल पी एस बोसार्ड भी अपनी कसौटी पर खरी उतरेगी.

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हर सेटेलाइट प्रोजेक्ट में होता है यूज
कंपनी के महाप्रबंधक मुकेश सिंह ने बताया कि इसरो द्वारा हर प्रोजेक्ट के लिए उनकी कंपनी नट बोल्ट उपलब्ध करवाती है. कंपनी संख्या की बजाए गुणवत्ता पर पूरा ध्यान देती है. उन्होंने बताया कि चंद्रयान में लगे तमाम नट बोल्ट उनकी कंपनी द्वारा पिछले साल सितंबर में ही उपलब्ध करवा दिए गए थे. देश में निर्मित हर मिसाइल और सेटेलाइट के लिए नट बोल्ट देने का काम एलपीएस बोसार्ड  द्वारा ही किया जाता है. कंपनी देश की प्रतिष्ठा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रोजेक्ट को बड़ा गोपनीय ढंग से पूरी करती है. उन्हें इस बात की खुशी है कि स्वदेशी तकनीक से बने चंद्रयान में उनकी कंपनी का भी योगदान है. इसरो के वैज्ञानिकों सहित पूरे देश के लोगों के साथ एल पी एस बोसार्ड  की कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी भी उस पल का इंतजार कर रहे हैं, जब चंद्रयान चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग करेगा.

Input- Raj Takiya 

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