हरियाणा में 134ए पर विवाद के बीच शिक्षा मंत्री ने बताया क्यों बंद किए गए इस नियम के तहत एडमिशन
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हरियाणा में 134ए पर विवाद के बीच शिक्षा मंत्री ने बताया क्यों बंद किए गए इस नियम के तहत एडमिशन

134A Controversy : हरियाणा में नियम 134ए के तहत दाखिले बंद करने के मुद्दे पर विपक्ष राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है. 134ए को लेकर युवा कांग्रेस के प्रदर्शन करने के बाद शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया.

शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर

कुलवंत सिंह/ यमुना नगर : 134A Controversy : हरियाणा में नियम 134ए के तहत दाखिले बंद करने के मुद्दे पर विपक्ष राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है. 134ए को लेकर युवा कांग्रेस के प्रदर्शन करने के बाद शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया. बीते दिन एक प्रेस कांफ्रेंस में कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में गरीब व अभावग्रस्त विद्यार्थियों के लिए आरटीई लागू किया है, जिसके134ए से अधिक अच्छे परिणाम सामने आएंगे.

उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी अपने स्वार्थ के लिए गरीब, जरूरतमंद विद्यार्थियों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार  ने 2007 से 2014 के दौरान अपने कार्यकाल में 134 ए एक्ट के तहत किसी भी छात्र का दाखिला नहीं किया जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व की सरकार ने 134ए के तहत दाखिले किए. शिक्षामंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लोग मुद्दाहीन हैं. अब कांग्रेस को गरीब विद्यार्थियों को गुमराह कर राजनीतिक रोटी सेकने का काम मिल गया है जो कि न्याय संगत नहीं है. 

शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि राज्य में किसी भी गरीब, जरूरतमंद परिवार के विद्यार्थी को शिक्षा से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा. पहली से आठवीं कक्षा तक शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत दाखिला किया जाएगा.

आठवीं कक्षा के बाद संस्कृति मॉडल स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा और जिस परिवार की आर्थिक आय 1.80 लाख से कम है, उन परिवारों के बच्चों की शिक्षा उन स्कूलों में मुफ्त होगी. जिनकी आय इससे ज्यादा है उ इन सरकारी स्कूलों में 300 से 700 रुपये तक फीस देनी होगी. उन्होंने कहा कि यह फीस सरकार के पास जमा नहीं करनी होगी, बल्कि उस स्कूल के विकास के लिए खर्च की जाएगी.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले 22 संस्कृति मॉडल स्कूल थे, जिन्हें बढ़ाकर 138 कर दिया गया है और आने वाले साल में इनकी संख्या 500 तक हो जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर 5 किलोमीटर पर एक संस्कृति मॉडल स्कूल की सुविधा दी जाएगी. 

गरीबों को घर के पास मिलेगा दाखिला 

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि 134ए के तहत विद्यार्थियों को घर से दूर दाखिला होता था, जिससे स्कूलों तक जाने में काफी दिक्कत होती थी. अब आरटीई के तहत घर के आसपास के स्कूलों में ही दाखिला मिलेगा, उन्हें किसी प्रकार की यातायात की सुविधा की जरूरत नहीं पड़ेगी.

134ए के तहत केवल 10 प्रतिशत ही जरूरतमंद विद्यार्थियों के दाखिले होते थे, परंतु अब आरटीई के तहत 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को दाखिला मिलेगा. आरटीई में 60 प्रतिशत खर्च केंद्र व अन्य खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। यह फैसला हरियाणा सरकार ने जनहित में लिया है, जबकि मुद्दाहीन कांग्रेस इस फैसले को राजनीतिक मुद्दा बना रहे है, ऐसा करना गरीब विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ है.

5%से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकते स्कूल 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने निर्देश दिया है कोई भी निजी स्कूल 5 प्रतिशत  से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकता. यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसकी मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा, परंतु सरकार के इस निर्णय के खिलाफ स्कूल एसोसिएशनकोर्ट में चली गई है. कोर्ट में जो भी होगा उसके बाद जन हित में निर्णय लिया जाएगा. हरियाणा में शिक्षा नियामवली 134ए के मुताबिक कोई भी गरीब परिवार का छात्र किसी भी निजी स्कूल में निशुल्क पढ़ सकता है.

 

 

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