हवा की बिगड़ती गुणवत्ता के चलते लोगों को सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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नई दिल्ली : दिल्ली में मौसमी बदलाव और पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जाए जाने के मामले सामने आने के बीच शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई. सुबह 7 बजे आनंद विहार इलाके में वायु की गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. यहां पीएम-10 (पार्टिकुलेट मैटर) 699 दर्ज किया गया. बाकी इलाकों में भी एयर क्वालिटी अच्छी नहीं रही.
पूर्वी दिल्ली में शाहदरा, पटपड़गंज, दिलशाद गार्डन, सोनिया विहार में भी वायु गुणवत्ता खतरनाक एवं बेहद खराब दर्ज की गई. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सुबह सात बजे तक श्रीनिवासपुरी में पीएम 2.5 का स्तर 317, जबकि शाहदरा में पीएम-10 का स्तर 569, वजीरपुर में 680, रोहिणी में 493, मुंडका में 423, अशोक विहार में 362 दर्ज किया गया. इस तरह दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में हवा की गुणवत्ता का स्तर खतरनाक रहा.
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दरअसल, हवा की बिगड़ती गुणवत्ता के चलते लोगों को सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सूचकांक पर शून्य से 50 अंक के बीच हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच की स्थिति को खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 अंकों के बीच की स्थिति को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है.
बता दें कि PM यानी पार्टिक्यूलेट मेटर, ठोस और लिक्विड के कण होते हैं जो हवा में तैरते रहते हैं. इनका डायामीटर 10 माइक्रोमीटर से भी कम होता है, जिसके चलते ये आसानी से फेफड़ों में पहुंचकर सांस लेने में दिक्कतें जैसी कई खतरनाक बीमारियां पैदा करते हैं.
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दरअसल, पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं. इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है. इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है. यह कण ठोस या तरल रूप में वातावरण में होते हैं. इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल हैं.