अच्छे घर का बेटा 2 साल से मांग रहा था भीख, मृत समझ घरवाले रखने लगे थे व्रत; फिर अचानक...
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अच्छे घर का बेटा 2 साल से मांग रहा था भीख, मृत समझ घरवाले रखने लगे थे व्रत; फिर अचानक...

बहन ने इकलौते भाई के बिछड़ने से लेकर मिलने तक की कहानी सुनाई.

यूपी के आजमगढ़ का धनंजय ठाकुर हरियाणा के अंबाला में मंदिर के बाहर भीख मांगता था. (लाल कपड़ों में धनंजय)

अंबाला (अमन कपूर): हरियाणा के अंबाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी में भीख मांगने वाला एक युवक आर्थिक रूप से संपन्न परिवार का निकला. भीख मांगने वाला युवक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है और नशे का आदि होने के चलते वह 2 साल पहले घर से भाग आया था. एक सामाजिक संस्था के लोगों ने धनंजय के परिवार से संपर्क किया और उसकी बहन उसे अंबाला से वापस आजमगढ़ ले गईं.

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अंबाला की गीता गोपाल संस्था ने एक युवक को बड़े-बड़े बालों में घायल अवस्था में देखा. संस्था से जुड़े साहिल ने उसकी मदद करनी चाही, लेकिन युवक तैयार नहीं हुआ. हालांकि जैसे-तैसे उसे मनाया गया और उसे फर्स्ट एड दिया गया.

मोबाइल नंबर से हुई पहचान
इस दौरान साहिल ने युवक से उसके परिवार के बारे में जानना चाहा, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह शुरू में कुछ नहीं बता पाया. हालांकि, कुछ देर बाद दिमाग पर जोर डालने के बाद उसने अपने भाई शिशुपाल का नंबर दिया, जिसके बाद पूरी कहानी पता चल पाई.

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धनंजय ठाकुर ने ग्रेजुएशन भी किया है.

ग्रेजुएशन कर चुका है
धनंजय ने पहले अपना नाम धर्मेंद्र बताया था, लेकिन मोबाइल नंबर पर जब उसकी छोटी बहन नेहा से बात हुई तो उसने पूरी सच्चाई बताई. धनंजय आर्थिक रूप से संपन्न परिवार का ग्रेजुएट लड़का है, लेकिन नशे की आदत ने उसकी हालत यह कर दी.

2 बहनों का इकलौता भाई
नेहा ने बताया, धनंजय 2 बहनों का इकलौता भाई है. वह पहले दिल्ली में नौकरी करता था, उसके बाद अंबाला चला गया. लेकिन पिछले 2 साल से परिवार के साथ उसका कोई संपर्क नहीं था. परिजनों ने उसे ढूंढने के लिए हरसंभव प्रयास किए, लेकिन जब कोई सफलता हाथ नहीं लगी तो उनकी आस टूट गई. धनंजय के लिए परिजन गुरुवार का व्रत भी रखने लगे थे.

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