Cyber security breach: सेना की साइबर सुरक्षा में सेंध, शक के दायरे में कई अधिकारी
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Cyber security breach: सेना की साइबर सुरक्षा में सेंध, शक के दायरे में कई अधिकारी

Army Cyber breach case: हाल के समय में पाकिस्तान और चीन के जासूस भारतीय सेना से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हैं. इसके जरिए वो सेना के अधिकारियों से जुड़ने की कोशिश करते हैं. हालांकि इन जासूसों के अधिकतर प्रयास विफल रहते हैं. लेकिन संभव है कि कुछ अधिकारी उनके जाल में फंस गए हों.

सांकेतिक तस्वीर

Intel agencies unearth major cyber breach: सेना की साइबर सुरक्षा में बड़ी सेंध की आशंका है. देश की सुरक्षा से जुड़े इस मामले की जांच जारी है. इस मामले को लेकर रक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि ये सेंध सेना के कुछ अधिकारियों द्वारा लगाई गई है. इस मामले में अधिकारियों द्वारा व्हाट्स ऐप के जरिए अहम जानकारियां लीक करने की बात सामने आई है. 

खुफिया एजेंसी ने जताई आशंका

न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करने का संदेह जताया है. वहीं इस मामले में जासूसी के तार पड़ोसी देशों से जुड़े होने का शक है. मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.

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मामले की जांच जारी

साइबर सुरक्षा उल्लंघन के पर रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है. जिसके एक पड़ोसी देश द्वारा जासूसी से संबंधित गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका है. इसके लिए कुछ व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया गया है. जिनके जरिए साइबर सुरक्षा के उल्लंघन की सूचना मिली है. इस मामले की जांच जारी है. बता दें कि सैन्य अधिकारियों से जुड़े जासूसी के मामलों से कड़ाई से निपटा जाता है.

अधिकारियों को दी जाती है खास ट्रेनिंग

सूत्रों ने कहा कि सैन्य अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते वक्त नियमों व आचार संहिता का पालन करने के निर्देश समय-समय पर दिए जाते हैं, ताकि वह पड़ोसी देशों के साजिश का शिकार नही बने. पूरा मामला सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आता है. इसमें दोषी पाए जाने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. सेना सूत्रों ने यह भी कहा कि मामले की संवेदनशीलता व जांच को देखते हुए किसी तरह की अटकलें नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से मामले की जांच पर असर पड़ सकता है.

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