भारत के Power Grids पर साइबर अटैक? हथियार से नहीं हैकिंग से लड़ रहा है चीन!
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भारत के Power Grids पर साइबर अटैक? हथियार से नहीं हैकिंग से लड़ रहा है चीन!

चीन ने उत्तर भारत के कम से कम सात Power Grids और Power Supply Centres को हैक करने की एक खतरनाक कोशिश की है और अगर वो कामयाब हो जाता तो पूरा उत्तर भारत अंधेरे में डूब जाता.

भारत के Power Grids पर साइबर अटैक? हथियार से नहीं हैकिंग से लड़ रहा है चीन!

नई दिल्ली: जरा सोचिए कि एक दिन आप सुबह सो कर उठें और आपको पता चले कि आपके पूरे देश में ही बिजली नहीं है तो क्या होगा? आपके घर के सारे काम रुक जाएंगे, बड़ी-बड़ी कम्पनियों के दफ्तर ठप हो जाएंगे. अस्पतालों में बिजली नहीं होगी, सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल बन्द होंगे, ATM से कोई पैसे नहीं निकाल पाएगा, बैंक काम करना बंद कर देंगे, Digital Transaction नहीं होंगे और इस तरह पूरा देश ठहर जाएगा. ऐसे हालातों में कई लोगों की मौत भी हो सकती है.

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इंटरनेट के युग में ऐसे होगा युद्ध

ये सब हो सकता है क्योंकि ये इंटरनेट का युग है और इस युग में युद्ध जवानों के बीच नहीं लड़ा जाएगा और ना ही बंदूक और तोपें इस युद्ध में काम आएंगी. ये युद्ध इंटरनेट पर लड़ा जाएगा और देश का हर नागरिक दुश्मन के निशाने पर होगा. चीन ने उत्तर भारत के कम से कम सात Power Grids और Power Supply Centres को हैक करने की एक खतरनाक कोशिश की है और अगर वो कामयाब हो जाता तो पूरा उत्तर भारत अंधेरे में डूब जाता. लेकिन हमारा Security System इतना मजबूत था कि Chinese Hackers कामयाब नहीं हो पाए. गलवान के सैन्य संघर्ष में हारने के बाद अब चीन Hacking करके भारत की सीमाओं में प्रवेश करना चाहता है और भारत की Air Waves, Power Supply और Data को अपने नियंत्रण में लेना चाहता है. ऐसे में आइए समझते हैं कि भविष्य के युद्ध हथियारों से नहीं बल्कि Hacking से लड़े जाएंगे.

क्या है पॉवर ग्रिड?

Power Grid असल में एक तरह का सिस्टम होता है, जो बिजली के उत्पादन से उसकी सप्लाई तक की कड़ियों को जोड़ कर इसे व्यवस्थित बनाता है और अगर इन्हें किसी और देश द्वारा Hack कर लिया जाए तो देश में Black Out की स्थिति भी पैदा हो सकती है. इस रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2021 से मार्च 2022 के बीच चीन के Hackers ने उत्तर भारत के कम से कम 7 SLDC का निशाना बनाया.

समझें कैसे होती है बिजली की निगरानी

SLDC का मतलब होता है, State Load Dispatch Center, जो अपने-अपने राज्यों में बिजली सप्लाई की रियल टाइम निगरानी करते हैं. सरल शब्दों में समझने की कोशिश की जाए तो आप जिस राज्य में रहते हैं, वहां आपके घर, दफ्तर और दूसरी जगहों पर बिजली की जो आपूर्ति होती है, उसकी निगरानी का काम इन्हीं केंद्रों द्वारा किया जाता है और भारत में जो Power Grids हैं, उनकी निगरानी का काम भी यही केंद्र करते हैं

आपस में जुड़े हैं भारत के सभी पॉवर ग्रिड

अभी भारत में कुल 5 Power Grids हैं. Northern, Eastern, North Eastern, Southern और Western Grid. अहम बात ये है कि ये सभी ग्रिड आपस में जुड़े हुए हैं और इनमें से ज्यादातर तो एक ही सर्वर पर काम करते हैं. इसलिए भारत की बिजली व्यवस्था पर चीन का ये साइबर अटैक एक बड़े खतरे की तरफ इशारा करता है. इस रिपोर्ट को जारी करने वाली कंपनी का नाम Recorded Future है और इसने पिछले साल भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि भारत के 10 बड़े सरकारी संगठनों और संस्थाओं पर Cyber Attack हुए हैं.

इस रिपोर्ट में तीन बड़ी बातें बताई गई हैं

  • पहली बात ये है कि गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद से भारत की बिजली सुविधाएं चीन के निशाने पर हैं और इस संघर्ष के बाद से ही चीन लगातार भारत में Power Grid को फेल करने के लिए Malware भेज रहा है. Malware को सरल शब्दों में वायरस कहा जाता है.

  • दूसरी बात ये है कि इस Cyber Attack के पीछे चीन की सेना के लिए काम करने वाले Hackers का एक ग्रुप था, जिसे 'Threat Activity Group 38' या TAG-38 भी कहा जाता है. इस ग्रुप ने भारत पर आखिरी Cyber Attack 15 मार्च को किया था.

  • तीसरी बड़ी बात ये बताई गई है कि चीन के Hackers भारत के Power Grids को ना सिर्फ निशाना बना रहे थे. बल्कि इन केंद्रों से जुड़ा Data भी लगातार इकट्ठा करके दूसरे देशों में भेज रहे थे.

भारत में ब्लैक आउट करना चाहता है चीन?

आमतौर पर कोई भी देश ऐसा तभी करता है, जब वो भविष्य में किसी देश की बिजली व्यवस्था को हैक करके वहां Black Out की स्थिति पैदा करना चाहता है. जैसा वर्ष 2015 में रूस ने यूक्रेन के साथ किया था. 23 दिसंबर 2015 को Ukraine में तीन घंटे तक बिजली गायब रही थी और इससे 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे. रशिया ने यूक्रेन के Power Grid को फेल करने के लिए कई महीनों तक उसके Power Grid पर Cyber Attack किए थे और उनका जरूरी Data अपने पास इकट्ठा कर लिया था और चीन भी यही कर रहा है.

चीन ने आरोपों को नकारा

हालांकि इस मामले में चीन के विदेश मंत्रालय ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वो किसी भी तरह के Cyber Attack का विरोध करता है. जबकि केंद्रीय बिजली मंत्री आर.के सिंह का कहना है कि चीन के Hackers ने लद्दाख के पास दो बार Cyber Attack किए थे. लेकिन वो इन हमलों में कामयाब नहीं हुए.

सबसे जरूरी आविष्कार है बिजली

जिंदगी को आसान बनाने के लिए इंसानों ने जितने भी आविष्कार किए, उनमें सबसे अहम है बिजली. ये आधुनिक दौर की लाइफलाइन है और बिजली के बिना आज जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल सा लगता है. आज जब सिर्फ एक घर की बत्ती गुल होती है तो घर का सारा काम ठप हो जाता है. ऐसे में सोचिए कि अगर कभी पूरे देश की बत्ती गुल हो जाए तो कैसे हालात होंगे. 

इसे आप एक उदाहरण से समझिए. ये बात 2019 की है, जब Venezuela में पांच दिन के लिए बिजली चली गई थी और इसका सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में दिखा था. तब डॉक्टर Torch जला कर मरीजों का ऑपरेशन कर रहे थे और जो मरीज वेंटिलेटर पर थे, उन्हें पंप के जरिए सांस देने की कोशिश की गई थी. इस दौरान घरों में फ्रिज बंद पड़े थे, जिसकी वजह खाना भी खूब सड़ा और मोबाइल फोन और कंप्यूटर की बैटरी खत्म होने से लोगों के सामने एक दूसरे से सम्पर्क करने का संकट खड़ा हो गया. Venezuela में इस Black Out की वजह वहां का पुराना Power Grid System था. लेकिन ये हालात बताते हैं कि अगर चीन ने भारत की बिजली सुविधाओं को निशाना बनाने की कोशिश की तो हालात मुश्किल हो सकते हैं. 

साइबर अटैक से भारत को नुकसान

हैकिंग वाला ये युद्ध कितना खतरनाक हो सकता है, इसे आप कुछ आंकड़ों से समझ सकते हैं. भारत में वर्ष 2020 में 17,560 Cyber हमले हुए थे. यानी हर दिन 71 Websites को हैक किया गया. भारत में हर 10 मिनट में एक Cyber अटैक होता है और 75 प्रतिशत मामलों में ये हमले दूसरे देशों से होते हैं. 2019 में भारत को साइबर हमलों की वजह से एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था और भारत में 24 प्रतिशत वित्तीय संस्थान, स्वास्थ्य से जुड़ी 15 प्रतिशत कंपनियां, सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी 12 प्रतिशत और 15 प्रतिशत रिटेल कंपनियां हर साल साइबर हमलों का शिकार होती हैं.

हर 11 सेकेंड में एक साइबर अटैक

यही नहीं जुलाई 2016 में Union Bank Of India का पूरा सिस्टम हैक कर लिया गया था और बैंक खातों से लगभग 17 करोड़ डॉलर चुराने की कोशिश हुई थी. ये राशि आज की तारीख में 1200 करोड़ रुपये बनती है. हालांकि तब बैंक ने ये सारा पैसा रिकवर कर लिया था. अगर पूरी दुनिया की बात करें तो साइबर अटैक की वजह से हर मिनट पूरी दुनिया को 84 करोड़ रुपये का नुकसान होता है और एक स्टडी के मुताबिक दुनिया में हर 11 Second में एक साइबर हमला होता है. ये 2019 के मुकाबले दो गुना ज्यादा है और पांच साल पहले से चार गुना ज्यादा है. इसके अलावा एक अनुमान है कि साइबर हमलों से दुनिया को हर साल 6.1 Trillion Dollar यानी भारतीय रुपये में 449 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है. आप कह सकते हैं कि Cyber हमलों की Economy अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी Economy है. 

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