Corona: कच्चे माल की कीमतों में हुई 3 गुना बढ़ोतरी, बढ़ सकते हैं दवाओं के दाम
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Corona: कच्चे माल की कीमतों में हुई 3 गुना बढ़ोतरी, बढ़ सकते हैं दवाओं के दाम

कोरोना महामारी (Coronavirus) का असर दवाओं की सप्लाई पर पड़ने लगा है. कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली साधारण दवाओं के कच्चे माल के दामों में बढ़ोतरी होने लगी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्‍ली: देश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण फैलने के साथ ही दवाओं (Medicines) की मांग भी बढ़ गई है. कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली साधारण दवाओं की मांग में भी 3 से 4 गुना बढ़ोतरी हो गई है. 

  1. फिलहाल कंट्रोल में हैं दवाओं के दाम
  2. बढ़ रहे हैं दवाओं के कच्चे माल के दाम
  3. कच्चे माल को स्टोर कर रही हैं कंपनियां

फिलहाल कंट्रोल में हैं दवाओं के दाम

लोगों के लिए राहत की बात ये है कि सरकारों के सख्त रुख की वजह से इन दवाओं (Medicines) के दाम अभी कंट्रोल में हैं. साथ ही उनकी उपलब्धता भी मेडिकल स्टोरों पर आसानी से बनी हुई है. अगर सरकार की ये बंदिश हट जाती तो कोरोना महामारी से हालात और खराब हो सकते थे. 

बढ़ रहे हैं दवाओं के कच्चे माल के दाम

बताते चलें कि कोरोना वायरस के इलाज में बुखार उतारने वाली पैरासीटामोल, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, एजिथ्रोमाइसिन, मेरोपेनेम जैसी दवाओं (Medicines) का इस्तेमाल होता है. अप्रैल में कोरोना (Coronavirus) का प्रकोप बढ़ने के साथ ही इन दवाओं की मांग में भी 400 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है. कोरोना का कहर लगातार देश के विभिन्न हिस्सों में फैल रहा है. ऐसे में अगले कई महीनों तक इन दवाओं की मांग में कमी आने की संभावना नहीं है.

कच्चे माल को स्टोर कर रही हैं कंपनियां

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सभी दवा कंपनियां कच्चे माल को स्टोर करने में लगी हुई हैं. जिससे दवाओं के निर्माण में कोई दिक्कत न आए. हालांकि मांग बढ़ने की वजह से कंपनियों को अब यह कच्चा माल बढ़े दामों पर मिल रहा है. Ivermectin दवा बनाने के लिए फरवरी में जो कच्चा माल 17 हजार रुपये में एक किलो मिलता था, उसके लिए अब कंपनियों को 58 हजार रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. 

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आने वाले समय में बढ़ सकती हैं कीमतें

डॉक्सीसाइक्लिन के लिए सामग्री की कीमत दोगुनी हो गई है, जिससे दवा निर्माताओं को प्रति किलोग्राम 6,000 रुपये अधिक देने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं जिथ्रोमाइसिन के लिए इस्‍तेमाल होने वाले कच्चे माल के दाम में 3500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से वृद्धि हुई है. राहत की बात ये है कि सरकारी बंदिश की वजह से दवा निर्माता कंपनियों ने अपने लाभ को कम कर दिया है, जिससे फिलहाल साधारण दवाओं (Medicines) के दामों में ज्‍यादा बदलाव नहीं दिख रहा है. ऐसी स्थिति कब तक रहेगी, किसी को नहीं पता है. 

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