चिराग पासवान ने सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर कोर्ट में भी अच्छे से पक्ष नहीं रखा, ऐसे में सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो या नहीं. बता दें कि कोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई के बाद इस मुद्दे पर फैसला हो सकेगा.
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लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने धीरेंद्र शास्त्री के बिहार दौरे को लेकर बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपना सारा काम छोड़कर, विभागों में ताला लगाकर लगा देना चाहिए और सिर्फ सर्टिफिकेट बांटने का काम शुरू कर देना चाहिए कि ये बाबा सही हैं या गलत. साथ ही ये बताना भी शुरू कर देना चाहिए कि कौन से बाबा के पास जाना चाहिए और किस के पास नहीं.
उन्होंने कहा, बिहार में ऐसा लग रहा है कि सारे ज्वलंत मुद्दे खत्म हो गए हैं. वहीं, जातीय जनगणना पर चिराग पासवान ने कहा कि हमलोगों ने भी जातीय जनगणना का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक बार सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी लोगों से राय लेना चाहिए था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.
चिराग पासवान ने सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर कोर्ट में भी अच्छे से पक्ष नहीं रखा, ऐसे में सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो या नहीं. बता दें कि कोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई के बाद इस मुद्दे पर फैसला हो सकेगा.
सीएम नीतीश कुमार के उड़ीसा और महाराष्ट्र दौरे को लेकर भी पासवान ने करारा हमला बोला. उन्होंने कहा, 'जो मुख्यमंत्री बिहारियों को एकजुट नहीं रख पाए, वो आज विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं. अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए इनको प्रधानमंत्री बनना हैं इसीलिए अर्जी लेकर ये अलग-अलग दरवाजे पर जा रहे हैं.'
RLJP सांसद महबूब अली कैसर और उनके बेटे विधायक यूसुफ ने चिराग पासवान से अचानक मुलाकात की. चिराग पासवान ने कहा, 'आरएलजेपी के कई सांसद हमारे संपर्क में हैं, चुनाव आते-आते तक देखिएगा क्या रणनीति तैयार होती है.'